इस साल का मानसून बिहार के पिछले पांच साल में सबसे फीका और कमजोर रहा है। इसकी सबसे प्रमुख वजह मानसून ट्रफ का बिहार में न टिकना माना जा रहा है। साथ ही इस मानसून अवधि में मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ-साथ दक्षिण भारत में कई जगहों पर भारी बारिश की स्थिति रही। एक जून से लेकर 30 सितंबर तक सूबे में बारिश की किल्लत 31 प्रतिशत बनी रही।
मानसून की इस अवधि में राज्य में 992.2 मिमी बारिश होनी थी लेकिन अबतक मात्र 682.8 मिमी बारिश हुई है। अभी राज्य के 27 से अधिक जिले ऐसे हैं जहां बारिश की किल्लत 30 प्रतिशत से भी अधिक रह गई हैं। पांच जिलों में तो बारिश की 50 प्रतिशत तक कमी रह गई। इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पिछले पांच सालों में सबसे कम बारिश वर्ष 2018 में हुई थी जब सामान्य से 24 प्रतिशत बारिश की कमी मानसून अवधि में देखी गई थी। हालांकि इस बार यह रिकॉर्ड भी टूट गया। पिछले तीन साल 2019, 2020 व 2021 में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी। मौसमविदों के अनुसार 10 से 15 अक्टूबर के बीच बिहार से पूरी तरह मानसून की विदाई संभावित है।
हालांकि देश के अन्य भाग से मानसून अभी से मानसून लौटने लगा है। सितंबर के दूसरे पखवारे में झमाझम बारिश का पूर्वानुमान था। पर मानसून ट्रफ के मध्यप्रदेश और ओडिशा की ओर शिफ्ट होना जारी रहा। इस वजह से पूर्वानुमान के मुताबिक बारिश नहीं हुई।
सारस न्यूज टीम, बिहार।
इस साल का मानसून बिहार के पिछले पांच साल में सबसे फीका और कमजोर रहा है। इसकी सबसे प्रमुख वजह मानसून ट्रफ का बिहार में न टिकना माना जा रहा है। साथ ही इस मानसून अवधि में मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ-साथ दक्षिण भारत में कई जगहों पर भारी बारिश की स्थिति रही। एक जून से लेकर 30 सितंबर तक सूबे में बारिश की किल्लत 31 प्रतिशत बनी रही।
मानसून की इस अवधि में राज्य में 992.2 मिमी बारिश होनी थी लेकिन अबतक मात्र 682.8 मिमी बारिश हुई है। अभी राज्य के 27 से अधिक जिले ऐसे हैं जहां बारिश की किल्लत 30 प्रतिशत से भी अधिक रह गई हैं। पांच जिलों में तो बारिश की 50 प्रतिशत तक कमी रह गई। इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पिछले पांच सालों में सबसे कम बारिश वर्ष 2018 में हुई थी जब सामान्य से 24 प्रतिशत बारिश की कमी मानसून अवधि में देखी गई थी। हालांकि इस बार यह रिकॉर्ड भी टूट गया। पिछले तीन साल 2019, 2020 व 2021 में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी। मौसमविदों के अनुसार 10 से 15 अक्टूबर के बीच बिहार से पूरी तरह मानसून की विदाई संभावित है।
हालांकि देश के अन्य भाग से मानसून अभी से मानसून लौटने लगा है। सितंबर के दूसरे पखवारे में झमाझम बारिश का पूर्वानुमान था। पर मानसून ट्रफ के मध्यप्रदेश और ओडिशा की ओर शिफ्ट होना जारी रहा। इस वजह से पूर्वानुमान के मुताबिक बारिश नहीं हुई।
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