देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, बहादुरगंज/किशनगंज।
बिहार में काला पानी के नाम से मशहूर किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड में सफेद पानी का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है। तकरीबन पूरे प्रखंड क्षेत्र में 20 से 30 रुपए प्रति जार पानी की बिक्री का धंधा जोरों से जारी है। लगभग वाटर पैकेजिंग प्लांटों में इस पानी की गुणवत्ता की कोई जांच नही होती है। बिना किसी लाइसेंस के प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से यह धंधा फल फूल रहा है।
बताते चलें कि 20 से 30 रुपए प्रति जार बिक्री होने वाले जो पानी की बिक्री बाजारों में हो रही है उसके लिए पानी की शुद्धता एवम लाइसेंस का होना अनिवार्य है। वहीं बिना लाइसेंस के पानी की बिक्री पूर्ण रूपेण अवैध है। वहीं स्थानीय बुद्धिजीवी तबके के लोगों की माने तो उक्त बातों पर पीएचडी विभाग की मानो नजर ही नहीं है। जिस कारण विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है एवम आयदिन उनकी सेहत पर इसका असर पड़ रहा है। वहीं इस संदर्भ में पीएचडी विभाग के अधिकारी को फोन करने पर उन्होंने फोन नही उठाया। साथ ही साथ शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार पीएचडी विभाग अपने पल्ला को झाड़ने पर लगा हुआ है।
वहां तक कि जिला स्वास्थ्य विभाग भी इसकी जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है।जो पानी शुद्ध बताकर घरों एवम बाजारों में बिक्री हो रही है उसकी शुद्धता की गुणवत्ता का प्रमाण न तो पानी विक्रेता के पास है और न ही किसी अधिकारी के पास है।हालंकि बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र से कुछ ही दूरी पर स्थित जिला मुख्यालय में इसकी जांच हेतु कई आधुनिक उपकरण मौजूद है।
बावजूद इसके भी विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।बहादुरगंज नगर क्षेत्र में दर्जनों तो ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों की तादाद में ऐसे वाटर सप्लायर एवं प्लांट मौजूद है।जिसके पास आईएसआई मार्का का पानी है एवम आजतक किसी ने भी शुद्ध पानी की बिक्री का प्रमाण पत्र लिया है और न ही पीएचडी विभाग के द्वारा किसी भी प्लांट की जांच अबतक की गई है।
नतीजतन जागरूकता के अभाव में सफेद पानी की आड़ में आमजनों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने का कार्य वाटर सप्लायरों के द्वारा किया जा रहा है। बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र में पानी में आयरन की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है एवम वर्ष 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ के कारण ट्यूबल का पानी और खराब हो गया है।जिसके बाद से ही शहरी एवम ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पैकेजिंग पानी की खरीददारी कर उसका सेवन करने लगे हैं।
बहादुरगंज नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में कितने पानी के प्लांट संचालित हो रहे हैं इसका आंकड़ा न तो पीएचडी विभाग के पास है और न ही नगर पंचायत कार्यालय में है। इस संदर्भ में नगर कार्यपालक पदाधिकारी बहादुरगंज रामबिलास दास ने बताया कि नगर क्षेत्र में वाटर फिल्टर प्लांट हेतु ट्रेड लाइसेंस के लिए पीएचडी विभाग से लैब जांच सर्टिफिकेट लाने वालों को ही प्रमाण पत्र दिया जाता है।
साथ ही साथ लाइसेंस को प्रत्येक वर्ष रिनुवल भी करवाना है। जिसके लिए पीएचडी विभाग के लैब टेस्ट के रिपोर्ट को देखकर ही बढ़ाया जाता है। पानी की गुणवत्ता की जिम्मेदारी पीएचडी विभाग की है।वहीं उन्होंने बताया कि नगर पंचायत बहादुरगंज क्षेत्र में एक भी वाटर प्लांट स्प्लायर के माध्यम से ट्रेड लाइसेंस हेतु अबतक कोई भी आवेदन जमा नहीं किया गया है।