विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
जिले के ठाकुरगंज नगर में शारदीय नवरात्र के शांतिपूर्ण समापन के बाद बिप्लवी क्लब के तत्वाधान में सुप्रसिद्ध भक्ति भजन गायिका शहनाज अख्तर के भजन कार्यक्रम में माता के भजनों पर गुरुवार की संध्या पूरा ठाकुरगंज नगर झूम उठा। भजन गायिका शहनाज़ अख्तर के मंच पर पंहुचने के साथ सर्वप्रथम जय श्री राम के नारों का उद्घोष कर श्रोताओं ने उनका स्वागत किया। श्रोताओं को साधुवाद करते हुए गायिका ने भी जय श्री राम और जय भवानी के जयकारों से श्रोताओं का उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत देवी भजन गीत के साथ हुई।गायिका ने अपने सुपरहिट भजन छुम छनन बाजे मैया पांव पैजनिया, पंडा कराय रहो पूजा मैया जी की झुमझूम के, जो राम को लाये हैं हम उनको लाएंगे, ये भगवा रंग जैसे कई प्रसिद्ध भजन गाये। गांधी मैदान में हजारों की संख्या में शहनाज अख्तर के भजनों का आनंद लेने श्रोता पहुंचे थे।*सुरक्षा को लेकर पुलिस बल पूरी तरह रही मुस्तैद*भजन गायिका शहनाज अख्तर के आयोजित कार्यक्रम में भारी भीड़ को देखते हुए नवरात्रि समापन पर आयोजित जगराता कार्यक्रम में ठाकुरगंज थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी।
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कई थाना से पुलिस बल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने हेतु पूरी तरह मुस्तैद रही। हजारों की संख्या में भजन का आनन्द लेने पहुंचे लोग पूरी तरह पुलिस व्यवस्था के बीच भजनों का आनंद लिए।*कौन हैं शहनाज अख्तर*बता दें की सुप्रसिद्ध भजन गायिका मध्यप्रदेश के सिवनी जिला अंतर्गत बरघाट की रहने वाली हैं। मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के बाद भी वह दस वर्ष की उम्र से नवरात्रों में देवी गीत गाना शुरू की थी। वर्ष 2005 में उनका पहला भजन छन छन छनन बाजे मैया पांव पैजनिया सुपरहिट हुआ। यह गाना बच्चे बच्चे के जुबां पर आ गया। उनके द्वारा सैकड़ों भजन गीत का एल्बम बनाया जा चुका है।
मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के बाद भी हिंदू देवी देवताओं की गीत गाने को लेकर उनके विरुद्ध फतवा भी जारी किया जा चुका है। बावजूद उन्होंने भजन गाना नहीं छोड़ा। उनका मानना है कि आज उनकी जो पहचान देश भर में है वह देवी भजनों के कारण ही है। कार्यक्रम रात बारह बजे तक संचालित हुआ। मौके पर उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध होकर भजनों का आनंद लेते हुए झूमते नजर आए. कार्यक्रम में मौके पर समिति सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य और नगर के गणमान्य नागरिक, भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।