सारस न्यूज टीम, टेढ़ागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड के चिल्हनियां पंचायत स्थित आमबाड़ी में प्रधानमंत्री सड़क के कटिंग पर बना चचरी पुल पार कर उस पार जाना ग्रामीणों की मजबूरी है। इन दिनों उजड़े हुये चचरी पुल पार कर जाना राहगीरों के लिए खतरा से खाली नहीं है। यहां उजड़े हुए चचरी पुल ही लोगों का आवागमन का सहारा है। आमबाड़ी में बनी चचरी पुल से रोजमर्रे के कामकाजी राहगीरों का आना जाना लगा रहता है। यह सड़क झाला से निसन्दरा तक लगभग 29 किलोमीटर है।
इस होकर टेढ़ागाछ, बहादुरगंज, पलासी एवं सिकटी के लोगों का आवागमन होता रहता है। आमबाड़ी होकर सैकड़ों साईकिल व मोटरसाइकिल सवार एवं पैदल यात्रा करने वालों राहगीर चचरी पुल पार करने में अपनी जान हथेली में लेकर आवागमन कर रहे हैं। यह सड़क यहां हर वर्ष रेतुआ नदी के उफान से कट जाती है और लोगों का आवागमन कुछ दिनों के लिए ठप हो जाता है। विभागीय स्तर से हर वर्ष सड़क कटने के बाद मिट्टी भर कर डायवर्सन बनाया जाता है या फिर यहां चचरी पुल बना कर आवाजाही होती है। फिर भी अब तक कोई ठोस निर्माण कार्य नहीं होने से चचरी पुल पार करना राहगीरों के लिये जानलेवा व जोखिम भरा है। जरूरत के अनुसार लोगों को यहां जान हथेली पर लेकर आना जाना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने आमबाड़ी में आरसीसी पुल निर्माण करने की मांग प्रशासन से की है। यहां पुल निर्माण होने से दर्जनों गाँव के लोगों का आवागमन सुलभ होगा हैं।