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लोक आस्था का महापर्व छठ नजदीक आते ही घाटों की होने लगी सफाई। छठ घाट का नपं के कार्यपालक पदाधिकारी ने किया निरीक्षण।

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।

ठाकुरगंज नगर पंचायत में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नजदीक आते ही नगर के विभिन्न छठ घाटों पर सफाई शुरू कर दी गई है। नपं क्षेत्र के सागढाला छठ घाट में छठ पूजा के मद्देनजर हो रहे सफाई व्यवस्था का जायजा लेना पहुंचे नगर के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान। उन्होंने बताया कि छठ पर्व के मद्देनजर नगर क्षेत्र के तीन प्रमुख छठ घाटों एवं अन्य घाटों पर सफाई कर्मियों को सफाई करने का निर्देश दिया गया है। जिसमें सागढाला छठ घाट पर सफाई प्रारंभ हो गई है। अब बचे हुए छठ घाटों पर भी जल्द सफाई प्रारंभ कर दी जाएगी। समितियों को जलाशयों में सुरक्षित जल स्तर तक घेराबन्दी, सभी छठ घाटों पर बल्ले से मजबूत बैरिकेडिग करने के निर्देश दिए गए हैं।

छठ अति महत्वपूर्ण पर्व है, इस दौरान छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। वही घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं बलों की प्रतिनियुक्ति भी रहेगी।

आपको बताते चलें कि छठ में महिलाएं संतान की दीर्घायु और बेहतर स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। पहले दिन नहाय खाय से व्रत शुरू होता है। लोक आस्था का महापर्व छठ इसी महीने है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है। ये पर्व चार दिन तक चलता है। इस साल ये छठ 28 अक्टूबर 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगा। कार्तिक माह के चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है। छठ पूजा में महिलाएं संतान की दीर्घायु और बेहतर स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। 28 अक्टूबर 2022 को है नहाय खाय पहले दिन यानी 28 अक्टूबर को नहाय खाय है। इसी दिन से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है। नहाय खाय के दिन महिलाएं स्नान के बाद घर की साफ सफाई करती हैं। इस व्रत में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है। नहाय खाय के दिन चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बनता है। इन भोजन में सेंधा नमक का ही उपयोग किया जाता है। खरना 29 अक्टूबर 2022 दूसरे दिन खरना होता है। व्रती महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं। उसे रात में ग्रहण करती हैं। इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसके बाद से 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाता है। छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। वहीं इस दौरान नपं के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान, सागढाला कमेटी के सदस्य, प्रदीप कुमार शर्मा, पुष्पेश राजा, भोला, पवन सिंह, नपं सफाई कर्मी के सुपरवाइजर मनजीत सिंह, बिट्ट, इत्यादि लोग मौजूद थे।

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