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ठाकुरगंज में गलाघोंटू एवं लंगड़ी बुखार टीकाकरण की सफलता को ले टीकाकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण।

सारस न्यूज, किशनगंज।

गुरूवार को प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय ठाकुरगंज में गलाघोंटू एवं लंगड़ी बुखार (एचएस-बिक्यू) टीकाकरण की सफलता को ले भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी सह नोडल अधिकारी डॉ. सुमन कुमार झा के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता नोडल अधिकारी डॉ सुमन कुमार झा ने की। इस मौके पर पशु चिकित्सालय गलगलिया के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार सिंह एवं चुरलीहाट के डॉ संजय कुमार भी मौजुद रहे। उन्होंने निजी पशु टीकाकर्मी को आवश्यक जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 21 अक्टूबर से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित एचएस-बिक्यू टीकाकरण पूरे प्रखण्ड क्षेत्र में राजस्व ग्राम व तिथिवार शुरु की जा रही है। मवेशियों में होने वाले गला घोटू एवं लंगड़ी बुखार से बचाव को लेकर मवेशियों को एचएस-बिक्यू टीकाकरण का कार्य करना है। यह टीकाकरण निशुल्क है। इसमें सभी पशुओं को टीका लगाना अनिवार्य है। प्रखंड में करीब 96 हजार पशु (गाय और भैंस) हैं। इस मौसम में पशुओं में गलाघोंटू और लंगड़ी बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी पुरी की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि गलाघोंटू एक घातक और संक्रामक बीमारी है। इसमें पशुओं को तेज बुखार, मुंह पर सूजन, मुंह से लार निकलना, पशु द्वारा जीभ निकालकर सांस लोना आदि इस बीमारी के मुख्य लक्षण है। यह रोग भैंसों में अधिक होता है। लंगड़ी बुखार दस माह से दो साल तक के पशुओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है। पशुओं को तेज बुखार, जांघों के ऊपर, कंधों या गर्दन पर दर्द एवं सूजन होना इस बीमारी का मुख्य लक्षण है।

उन्होंने कहा कि गलाघोंटू और लंगड़ी बुखार को पशुपालक हल्के में ना लें। इसके लक्षण दिखाई देते ही नजदीक के पशुपालन विभाग से बिना कोई देरी किए संपर्क करें। इस बीमारी से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण है। राजस्व ग्राम स्तर पर टीकाकरण अभियान चला कर डोर टू डोर पशुओं को टीका दिया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शंकर कुमार शर्मा, मो. फिरोज, मो. अख्तर आलम, राजेंद्र कुमार महतो, तिलक चंद्र सिंह, अख्तर हुसैन, अब्दुस सलाम, अबुल कलाम आजाद, कुमार सानू सिंह, नूर अली, साजिद अली, राजीव सिंह आदि निजी पशु टीकाकर्मी मौजुद थे।

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