सारस न्यूज टीम, टेढ़ागाछ।
सरकार के दावों से अलग टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धवेली पंचायत के वार्ड नंबर 13 लोधाबाड़ी आदिवासी टोला में लोग मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है। भारत- नेपाल सीमा तट पर स्थित वार्ड 13 लोधाबाड़ी आदिवासी टोला आज भी शुद्ध पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क एवं पुल पुलिया से वंचित हैं। स्थानीय विधायक एवं सांसद के द्वारा क्षेत्र के विकास की बातें कही जा रही है परंतु हकीकत कुछ और ही है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो लोधाबाड़ी आदिवासी टोला में न तो शिक्षा के लिए स्कूल है और न ही इलाज हेतु कोई अस्पताल है। इस गांव के बच्चों को शिक्षा के लिए 10 किलोमीटर की दूरी कर विद्यालय जाना मजबूरी बन गई है। वहीं इलाज हेतु 12 किलोमीटर की दूरी पगडंडी के सहारे तय कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछ आना पड़ता है।
इस गांव में अब तक आवागमन हेतु सड़क निर्माण कार्य नहीं किया गया है। जिस कारण बरसात के दिनों में कीचड़मय सड़क से पगडंडी के सहारे जान जोखिम में डालकर ग्रामीण आवागमन करने को मजबूर हैं। बांस के खंभों के सहारे ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति विभाग के द्वारा मुहैया कराया जा रहा है। हल्की बारिश एवं आंधी के साथ ही बांस के खंभे गिर जाने की परिस्थिति में कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है। गांव से होकर बहने वाली रेतुआ नदी पर करीब आठ वर्ष पूर्व पुल निर्माण कार्य विभाग की ओर से प्रारंभ किया गया था।
जिससे ग्रामीणों में सड़क एवं अन्य विकास कार्यों को लेकर एक आस जगी थी। परंतु पुल निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से पहली बाढ़ में ही पुल ध्वस्त हो गया था। स्थानीय ग्रामीणों में ललिता मुर्मू, भारती मुर्मू, मालती मुर्मू, सहेली टूडू, सूर्य राम हासदा, अखिलेश टुडू, बबलू हेम्ब्रम सहित दर्जनों लोगों ने जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस गांव की सुधि लेने की मांग की है।