सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार राज्य के सरकारी व सरकार संपोषित तकरीबन 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को नये शैक्षिक सत्र 2023-24 के आरंभ होते ही किताबें मिल जाएंगी। चार साल बाद बदली व्यवस्था के तहत पहली से पांचवीं वाले सभी प्राथमिक और छठी से आठवीं तक के सभी मध्य विद्यालयों में नामांकित हर बच्चे तक निःशुल्क पुस्तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गई है।
बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम ने हर बच्चे के लिए पाठ्य पुस्तक का एक सेट प्रकाशित कर बच्चों तक पहुंचाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। इच्छुक प्रकाशक 21 नवंबर तक ऑनलाइन टेंडर जमा कर सकते हैं। बिहार पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक द्वारा आमंत्रित निविदा में प्रकाशकों की कसौटी, किताबों की गुणवत्ता, किस कक्षा में किन विषयों की किताबें छापनी हैं। ऐसी तमाम चीजों की विस्तृत जानकारी है। कब-कब क्या होगा इसका भी शिड्यूल घोषित कर दिया गया है। ज्ञात हो कि बिहार में पहली से आठवीं तक के बच्चों को चार साल से आरटीई के तहत किताबों के लिए पैसे दिए जा रहे थे।
प्राथमिक के बच्चों को 250 व मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों को 400 रुपए। लेकिन अधिसंख्य बच्चे किताब नहीं खरीद रहे थे। 23 सितंबर को मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में इस व्यवस्था को बदलने का निर्देश दिया था। तभी से विभाग ने तैयारी शुरू की थी। नवंबर अंत या दिसंबर के पहले हफ्ते तक प्रकाशक चयनित हो जाने के आसार हैं।
टेक्सटबुक निगम द्वारा जारी टेंडर नोटिस के मुताबिक, प्रकाशकों को छह चरण में काम पूरा करना होगा। कार्यादेश मिलने के दो दिन में निगम से सॉफ्टकॉपी लेनी होगी। इसके पांच दिन में डमी जमा करनी होगी। 10 दिनों के अंदर स्वीकृत डमी लेनी होगी। 40वें दिन 20 फीसदी किताबें, 55वें दिन 40 फीसदी, 70वें दिन 60 फीसदी तक अगले 15 दिन में 20 फीसदी और किताबें जबकि 100वें दिन शत प्रतिशत किताबें संबंधित प्रखंड मुख्यालयों व बीआरसी तक पहुंचा देनी होगी।
शर्तों के मुताबिक, प्रकाशकों को बच्चों की किताबों के अलग-अलग सेट तैयार करने होंगे। इनकी पैकिंग भी अलग रंगों में होगी। कक्षा एक की किताबें लाल, कक्षा दो की किताबें हरा, कक्षा तीन की किताबें नीला, कक्षा चार की किताबें काला, पांच की भूरा, छह की बैगनी, सात की नारंगी और कक्षा आठ की किताबों की पैकिंग मेजेंटा रंग में होगी।