सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
सात निश्चय योजना की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित दो बच्चों को इलाज के लिये बुधवार को पटना भेजा गय। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना के तहत इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होना है।
जिले में हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिये इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी पटना में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा रोग का इलाज किया जायेगा। बच्चों के इलाज से लेकर बच्चे व अभिभावकों के आने जाने सहित तमाम खर्च सरकार वहन करेगी।सदर अस्पताल से एम्बुलेंस से भेजने के क्रम में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, डॉ सरफराज आलम आदि उपस्थित थे।
आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कि आरबीएसके टीम द्वारा हृदय रोग से ग्रसित चिह्नित दो बच्चे कोचाधामन प्रखंड के आयशा 30 माह, दिघलबैंक प्रखंड की नौ वर्ष की रेशमा खातून को इलाज के लिए आईजीआईसी में भेजा गया है।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कहा कि जिन बच्चों के होठ कटे हैं। उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है।
उसका 06 से 18 माह एवं जिसका पैर टेढ़े-मेढ़े हैं। उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं। उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. शर्मा ने बताया कि योजना के तहत 0 से 18 साल के बच्चों में होने वाले कुल 44 रोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है।