किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में बेखौफ ब्राउन शुगर का कारोबार चल रहा है और युवक इसकी चपेट में आ रहे हैं। हैरत की बात यह है कि पुलिस ब्राउन शुगर कारोबारियों पर कार्रवाई की बात कह रही है लेकिन क्षेत्र में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। ब्राउन शुगर विक्रेता यहाँ अपनी पैठ गहरी करते जा रहे हैं। गलगलिया से सटा हर इलाका इनकी चपेट में हैं। इस क्षेत्र में अब युवा पीढ़ी पर मादक पदार्थ का नशा सिर चढ़ कर बोल रहा है। सफेद, ब्राउन व काले रंग में पाउडर की शक्ल वाले ब्राउन शुगर के कारोबार ने गलगलिया से लेकर सटे बंगाल के सिंघियाजोत, चक्करमारी, डेंगूजोत एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के सीमा क्षेत्र में पैर जमा लिए हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सहित बुद्धिजीवी लोग इस स्थिति को लेकर खासे चिंतित हैं। इस कार्य में ज्यादातर युवा वर्ग शामिल हो रहे हैं। हालांकि सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में पुलिस का भी कड़ा पहरा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी दम भरा जाता है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। गलगलिया रेलवे स्टेशन समीप का गाँव लकड़ी डिपो एवं रेलवे गेट समीप स्थित तोड़ीपट्टी गाँव में धड़ल्ले से ब्राउन शुगर बिक्री हो रही है। ब्राउन शुगर के बेचने का धंधा सुबह ही शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहती है। इसका सेवन करने वाले सबसे ज्यादा नेपाल से आते हैं।
नेपाल से आये इस नशे का सेवन करने वालों की टोलियां यहां दिन भर देखी जा सकती हैं जो आसानी से बॉर्डर पार कर चले आते हैं। हालांकि सीमा पर एसएसबी के जवान तैनात हैं। बावजूद इनके हौसले इतने बुलंद है कि नेपाल नंबर के बाइक से आकर नशा का सेवन कर वापस चले जाते हैं। नशे के लिए पैसे नहीं होने पर युवा अपने घर व बाहर चोरी या लूट जैसे अपराध भी करने से नहीं चूक रहे हैं। वहीं नशे की ओवरडोज से क्षेत्र में सड़क दुर्घटना एवं विभिन्न प्रकार की घटनाओं से स्थानीय लोगों को इस बात को लेकर हैरानी है कि क्षेत्र में पुलिस की पैनी नजर होने के बावजूद यह धंधा कैसे फल फूल रहा है।
क्षेत्र में ब्राउन शुगर के बढ़ते कारोबार से हर वर्ग के लोग चिंतित हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस को ब्राउन शुगर के इस कारोबारियों पर सख्ती बरतनी चाहिए। इन लोगों पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव उपाए किए जाने चाहिए। वहीं इसके लिए समाजसेवियों की भी मदद ली जानी चाहिए। पुलिस अपने विशेष प्रयासों के बाद ही इस कारोबारियों पर अंकुश लगा सकती है।
विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में बेखौफ ब्राउन शुगर का कारोबार चल रहा है और युवक इसकी चपेट में आ रहे हैं। हैरत की बात यह है कि पुलिस ब्राउन शुगर कारोबारियों पर कार्रवाई की बात कह रही है लेकिन क्षेत्र में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। ब्राउन शुगर विक्रेता यहाँ अपनी पैठ गहरी करते जा रहे हैं। गलगलिया से सटा हर इलाका इनकी चपेट में हैं। इस क्षेत्र में अब युवा पीढ़ी पर मादक पदार्थ का नशा सिर चढ़ कर बोल रहा है। सफेद, ब्राउन व काले रंग में पाउडर की शक्ल वाले ब्राउन शुगर के कारोबार ने गलगलिया से लेकर सटे बंगाल के सिंघियाजोत, चक्करमारी, डेंगूजोत एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के सीमा क्षेत्र में पैर जमा लिए हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सहित बुद्धिजीवी लोग इस स्थिति को लेकर खासे चिंतित हैं। इस कार्य में ज्यादातर युवा वर्ग शामिल हो रहे हैं। हालांकि सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में पुलिस का भी कड़ा पहरा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी दम भरा जाता है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। गलगलिया रेलवे स्टेशन समीप का गाँव लकड़ी डिपो एवं रेलवे गेट समीप स्थित तोड़ीपट्टी गाँव में धड़ल्ले से ब्राउन शुगर बिक्री हो रही है। ब्राउन शुगर के बेचने का धंधा सुबह ही शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहती है। इसका सेवन करने वाले सबसे ज्यादा नेपाल से आते हैं।
नेपाल से आये इस नशे का सेवन करने वालों की टोलियां यहां दिन भर देखी जा सकती हैं जो आसानी से बॉर्डर पार कर चले आते हैं। हालांकि सीमा पर एसएसबी के जवान तैनात हैं। बावजूद इनके हौसले इतने बुलंद है कि नेपाल नंबर के बाइक से आकर नशा का सेवन कर वापस चले जाते हैं। नशे के लिए पैसे नहीं होने पर युवा अपने घर व बाहर चोरी या लूट जैसे अपराध भी करने से नहीं चूक रहे हैं। वहीं नशे की ओवरडोज से क्षेत्र में सड़क दुर्घटना एवं विभिन्न प्रकार की घटनाओं से स्थानीय लोगों को इस बात को लेकर हैरानी है कि क्षेत्र में पुलिस की पैनी नजर होने के बावजूद यह धंधा कैसे फल फूल रहा है।
क्षेत्र में ब्राउन शुगर के बढ़ते कारोबार से हर वर्ग के लोग चिंतित हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस को ब्राउन शुगर के इस कारोबारियों पर सख्ती बरतनी चाहिए। इन लोगों पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव उपाए किए जाने चाहिए। वहीं इसके लिए समाजसेवियों की भी मदद ली जानी चाहिए। पुलिस अपने विशेष प्रयासों के बाद ही इस कारोबारियों पर अंकुश लगा सकती है।
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