बिहार बंगाल सीमा से सटे सीमांचल जिला किशनगंज की ठाकुरगंज प्रखंड में स्थित डिग्री कॉलेज जो पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंदर आनेवाले मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज के संबंद्धन पर एवं ठाकुरगंज डिग्री कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि वर्तमान प्राचार्य एवं पूर्व के प्राचार्य के बीच चल रहे विवाद के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि नहीं वापसी करने के संबंधी मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है इसी मामला के कारण पेंच फंसता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर,राजनाथ यादव ने बताया है कि इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय से कुछ समय की मोहलत ली गई है। इसके समाधान का भी प्रयास मेरे स्तर से लगातार किया जा रहा है।
अगर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि जमा नहीं होता है तो माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज की मान्यता समाप्त की जा सकती है। आपको बताते चलें कि यह विवाद विगत कई महीनों से चलती आ रही है।
जिसके कारण कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, कॉलेज में प्रिंसिपल का कुर्सी की लड़ाई के कारण कई छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाया था और इस समस्या का समाधान को लेकर आज तक किसी भी माननीय ने इस कॉलेज के बारे में सवाल खड़े नहीं किया है। माना जाता है कि इन कॉलेज इन्हीं माननीय लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है। जिस वजह से यह कॉलेज बेलगाम है इन पर लगाम लगाने का पहल विश्वविद्यालय की ओर से भी अब तक नहीं किया गया है कोई पहल नियमों के अनुसार शासी निकाय पर प्रत्येक साल अपने कॉलेज से जुड़े जानकारी एवं सुविधा सिंडिकेट सदस्यों को लिखित में प्रदान करने का नियम है।
जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। कॉलेज की बदहाल व्यवस्था को लेकर कई बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र संगठनों ने भी कई मर्तबा आवाज उठाई है मगर अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
शशि कोशी रोक्का/सारस न्यूज़ टीम, किशनगंज।
बिहार बंगाल सीमा से सटे सीमांचल जिला किशनगंज की ठाकुरगंज प्रखंड में स्थित डिग्री कॉलेज जो पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंदर आनेवाले मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज के संबंद्धन पर एवं ठाकुरगंज डिग्री कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि वर्तमान प्राचार्य एवं पूर्व के प्राचार्य के बीच चल रहे विवाद के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि नहीं वापसी करने के संबंधी मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है इसी मामला के कारण पेंच फंसता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर,राजनाथ यादव ने बताया है कि इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय से कुछ समय की मोहलत ली गई है। इसके समाधान का भी प्रयास मेरे स्तर से लगातार किया जा रहा है।
अगर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि जमा नहीं होता है तो माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज की मान्यता समाप्त की जा सकती है। आपको बताते चलें कि यह विवाद विगत कई महीनों से चलती आ रही है।
जिसके कारण कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, कॉलेज में प्रिंसिपल का कुर्सी की लड़ाई के कारण कई छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाया था और इस समस्या का समाधान को लेकर आज तक किसी भी माननीय ने इस कॉलेज के बारे में सवाल खड़े नहीं किया है। माना जाता है कि इन कॉलेज इन्हीं माननीय लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है। जिस वजह से यह कॉलेज बेलगाम है इन पर लगाम लगाने का पहल विश्वविद्यालय की ओर से भी अब तक नहीं किया गया है कोई पहल नियमों के अनुसार शासी निकाय पर प्रत्येक साल अपने कॉलेज से जुड़े जानकारी एवं सुविधा सिंडिकेट सदस्यों को लिखित में प्रदान करने का नियम है।
जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। कॉलेज की बदहाल व्यवस्था को लेकर कई बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र संगठनों ने भी कई मर्तबा आवाज उठाई है मगर अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।