अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ईकाई किशनगंज द्वारा मारवाड़ी काॅलेज परिसर में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनके प्रति सम्मान करते हुए स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनकी तैलीय चित्र पर कॉलेज के कर्मियों एवं अभाविप कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर अभाविप संयोजक अमित मंडल ने कहा कि उनके महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद की है। समाज सुधारक के रूप में उनके द्वारा महिला और पिछड़ों के लिए किया गया कार्य मील का पत्थर साबित हुआ। समान नागरिक संहिता हो या फिर सार्वभौमिक मताधिकार, उन्होंने समाज में समता स्थापित करने की हर संभव प्रयास करते हुए संघर्ष की। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया।
कार्यक्रम की नेतृत्व कर रहे जिला संयोजक दीपक चौहान ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीब, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया। इनके द्वारा लिखित भारत का संविधान आज भी देश का मार्गदर्शन कर रहा है और कई संकटों के दौरान सुरक्षित रूप से बाहर उभरने में मदद कर रहा है। वहीं इस श्रद्धांजलि सभा में महाविद्यालय के पूर्व लेखापाल सत्येंद्र कुमार, लेखापाल अरनव लहरी, प्रोफेसर मो कासिम, प्रोफेसर अवधेश मुखिया, प्रोफेसर राजेश कुमार और अभाविप के देव मल्लिक, मृत्युंजय, रिशु कुमार, साहिल साहा, सोमु कुमार, अंकुश राज सहित कई अभाविप कार्यकर्ता मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ईकाई किशनगंज द्वारा मारवाड़ी काॅलेज परिसर में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनके प्रति सम्मान करते हुए स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनकी तैलीय चित्र पर कॉलेज के कर्मियों एवं अभाविप कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर अभाविप संयोजक अमित मंडल ने कहा कि उनके महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद की है। समाज सुधारक के रूप में उनके द्वारा महिला और पिछड़ों के लिए किया गया कार्य मील का पत्थर साबित हुआ। समान नागरिक संहिता हो या फिर सार्वभौमिक मताधिकार, उन्होंने समाज में समता स्थापित करने की हर संभव प्रयास करते हुए संघर्ष की। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया।
कार्यक्रम की नेतृत्व कर रहे जिला संयोजक दीपक चौहान ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीब, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया। इनके द्वारा लिखित भारत का संविधान आज भी देश का मार्गदर्शन कर रहा है और कई संकटों के दौरान सुरक्षित रूप से बाहर उभरने में मदद कर रहा है। वहीं इस श्रद्धांजलि सभा में महाविद्यालय के पूर्व लेखापाल सत्येंद्र कुमार, लेखापाल अरनव लहरी, प्रोफेसर मो कासिम, प्रोफेसर अवधेश मुखिया, प्रोफेसर राजेश कुमार और अभाविप के देव मल्लिक, मृत्युंजय, रिशु कुमार, साहिल साहा, सोमु कुमार, अंकुश राज सहित कई अभाविप कार्यकर्ता मौजूद थे।
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