ठाकुरगंज नगर स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय ठाकुरगंज में भारत रत्न व देश के संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई गई। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक महफूज जावेद सहित सहायक शिक्षक -शिक्षिकाओं ने बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रधानाध्यापक महफूज जावेद ने सभी छात्राओं को उनके बताए मार्ग पर चलने की बात कहते हुए कहा कि उनके कृतित्व-व्यक्तित्व के बखान के साथ ही उनके पदचिह्नों का अनुसरण और उनके आदर्शों को आत्मसात कर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। बाबा साहेब ने सदैव जाति-पांति से उठकर देश हित में कार्य किया और देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे। इस मौके पर विद्यालय की सहायक शिक्षिका व शिक्षा विभाग से जुड़े कई अभियानों की प्रशिक्षिका मधु श्रद्धा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए तीन मंत्र शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो के जरिए ही हम लोग समृद्ध भारत एवं लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब का बचपन आर्थिक और सामाजिक भेदभाव के बीच गुजरा। जब वह स्कूल में थे, तो उन्हें छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा। हालांकि विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अंबेडकर ने अपनी शिक्षा को पूरा किया और काबिलियत व मेहनत के बल पर 32 डिग्री हासिल की। उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल हुई। छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का अंत करने के लिए उन्होंने दलित समाज के उत्थान का निर्णय लिया और इस दिशा में कार्य करना शुरू किया। बाद में बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष बने और देश का संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके पर सहायक शिक्षक नुरुल अबसार, शशांक शेखर, अजय कुमार, जावेद हुसैन अंसारी, टिंकु कुमारी, मधु श्रद्धा, युगल लाल गणेश, सुनील कुमार, पूर्णिमा कुमारी और गेस्ट टीचर ललिता कुमारी व सोनी कुमारी सहित शिक्षेकतर कर्मी व विभिन्न कक्षाओं की छात्रायें शामिल हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज नगर स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय ठाकुरगंज में भारत रत्न व देश के संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई गई। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक महफूज जावेद सहित सहायक शिक्षक -शिक्षिकाओं ने बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रधानाध्यापक महफूज जावेद ने सभी छात्राओं को उनके बताए मार्ग पर चलने की बात कहते हुए कहा कि उनके कृतित्व-व्यक्तित्व के बखान के साथ ही उनके पदचिह्नों का अनुसरण और उनके आदर्शों को आत्मसात कर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। बाबा साहेब ने सदैव जाति-पांति से उठकर देश हित में कार्य किया और देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे। इस मौके पर विद्यालय की सहायक शिक्षिका व शिक्षा विभाग से जुड़े कई अभियानों की प्रशिक्षिका मधु श्रद्धा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए तीन मंत्र शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो के जरिए ही हम लोग समृद्ध भारत एवं लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब का बचपन आर्थिक और सामाजिक भेदभाव के बीच गुजरा। जब वह स्कूल में थे, तो उन्हें छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा। हालांकि विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अंबेडकर ने अपनी शिक्षा को पूरा किया और काबिलियत व मेहनत के बल पर 32 डिग्री हासिल की। उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल हुई। छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का अंत करने के लिए उन्होंने दलित समाज के उत्थान का निर्णय लिया और इस दिशा में कार्य करना शुरू किया। बाद में बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष बने और देश का संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके पर सहायक शिक्षक नुरुल अबसार, शशांक शेखर, अजय कुमार, जावेद हुसैन अंसारी, टिंकु कुमारी, मधु श्रद्धा, युगल लाल गणेश, सुनील कुमार, पूर्णिमा कुमारी और गेस्ट टीचर ललिता कुमारी व सोनी कुमारी सहित शिक्षेकतर कर्मी व विभिन्न कक्षाओं की छात्रायें शामिल हुए।
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