सारस न्यूज, बिहार।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बीएसएससी पेपर लीक कांड की जांच को सरकार ने गंभीरता से लिया है। राजधानी पटना में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि उनके संज्ञान में जैसे ही मामला आया। उन्होंने तत्काल पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है और कुछ लोग पकड़े भी गए हैं। सीएम ने कहा कि इस पेपर लीक मामले में जो भी लोग दोषी होंगे सभी लोगों को हर हाल में पकड़ा जाएगा।
सीएम ने कहा कि एग्जामिनेशन के 1 घंटे के बाद पेपर वायरल की बात सामने आई थी और मुझे तत्काल सूचना भी दी गई थी। इसके बाद हमने कार्रवाई का निर्देश दिया था। उधर इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने कार्रवाई करते हुए मास्टरमाइंड अजय समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मास्टरमाइंड अजय सुपौल के वार्ड नंबर 4 का रहने वाला है। उसके भाई विजय को भी आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गिरफ्तार किया है।
पेपर लीक कांड में एक आरोपी पटना के खेमनीचक इलाके से पकड़ा गया है। जिसका नाम जीतू बताया जा रहा है। सभी अभियुक्तों से आर्थिक अपराध इकाई की टीम गहन पूछताछ में जुटी हुई है। पूछताछ के बाद इसमें कई और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है। जांच में यह भी स्पष्ट हो गया है कि प्रश्नपत्र को मोतिहारी स्थित शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से वायरल किया गया था। जनकारी के अनुसार इस पूरे मामले में राजधानी पटना के अलावा सुपौल मोतिहारी समेत कई जिलों में छापेमारी की गई है। पटना के खेमनी चक के रहने वाले जीतू पासवान को गिरफ्तार किया गया है जीतू पासवान का परीक्षा केंद्र पूर्णिया में था। उसके लहाथ में 3 इंच लंबा और एक इंच चौड़ा ब्लूटूथ जब्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्णिया के ब्राइट कैरियर स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा जीतू पासवान पर केस दर्ज कराया गया है।
आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा केंद्र के अंदर अभियुक्त मोबाइल लेकर कैसे चला गया इस बात की छानबीन की जा रही है। साथ ही जिस व्यक्ति को सबसे पहले प्रश्न पत्र भेजा गया था। उसने किस तरह के सॉल्वर गैंग का इंतजाम किया था। इस पर भी छानबीन चल रही है। परीक्षा केंद्र से पेपर का फोटो भेजने के बाद या कहां कहां गया और उत्तर वापस किन-किन संबंधित परीक्षार्थियों के पास पहुंचा इसकी भी जांच चल रही है। इस रैकेट में किन-किन परीक्षा सेंटरों द्वारा कितने परीक्षार्थियों को अनैतिक तरीके से लाभ पहुंचाने की जुगाड़ की गई थी इसकी भी जांच चल रही है।