सारस न्यूज, कोचाधामन।
कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी पंचायत के मोहनमारी गांव में अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से आयोजित चार दिवसीय 51 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ में दूसरे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही, सुबह देवपूजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ इस अवसर पर गायत्री परिवार के वरीय प्रज्ञा पुत्र सह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत प्रधानाध्यापक श्यामानंद झा के द्वारा देवपूजन के साथ साथ गायत्री संगीत प्रस्तुत किया गया। श्री झा ने कहा कि शांति के पूजारी बने, परोपकारी बने, एक मानव दूसरे मानव के हितैषी बने।

उन्होंने कहा कि आपका हमारा, सबका जीवन समाज और राष्ट्र हित में समर्पित हो, जिससे कि सभी जीवों का कल्याण हो सके, वहीं शाम को प्रवचन का कार्यक्रम चला। आयोजित महायज्ञ में शांतिकुंज हरिद्वार उत्तराखंड से पांच सदस्यीय टोली पहुंचे है। इस अवसर पर महायज्ञ में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए टोली नायक राजकुमार भृभू ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गायत्री मंत्र का जाप अत्यंत लाभप्रद है।
इस मंत्र का भाव यह है, कि उस प्राणस्वरूप दुःखनाशक, सुखस्वरूप सर्वश्रेष्ठ तेजस्वी पाप नाशक देवस्वरूप परमेश्वर को हम अन्तःकरण में अपनाएं वह परमेश्वर हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। इसके जाप से बौद्धिक क्षमता एवं स्मरण क्षमता का विकास होता है, गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में 24 देवता है। उनकी 24 चैतन्य शक्तियां हैं। गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में 24 शक्ति बीज हैं गायत्री मंत्र उपासना करने से उन मंत्र शक्तियों का लाभ और सिद्धियां मिलती हैं।
टोली में रामकुमार सिंह, सुनील बंशीधर, दिनेश कुमार और राजाराम शामिल हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गायत्री परिवार के वरीय प्रज्ञा पुत्र श्यामानंद झा मुखिया शाहबाज आलम, उप मुखिया रवि कुमार, यज्ञ ट्रस्टी सुवमा राय, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष गौरी देवी , वीणा देवी, हेमचरण सिंह, विजय सिंह, डॉ विष्णु हरिश्चंद्र सिंह, राकेश कुमार ललितेंद्र भारती, गंगा प्रसाद यादव, कमलेश कुमार समेत स्थानीय ग्रामीण सहयोग दे रहे हैं। इस अवसर पर यज्ञ स्थल पर प्रशासन की ओर से मेडिकल टीम अग्नि शमन दस्ता एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।