सारस न्यूज, वेब डेस्क।
छपरा में हुई जहरीली शराब कांड से लगातार उठ रहे सवालों के बीच बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल छपरा जहरीली शराब कांड में 78 से लोगों की मौत हो गई थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि होम्योपैथिक दवा का दुरुपयोग करके शराब बनाई जा रही थी। इस खुलासे के बाद बिहार सरकार ने अब एक नया आदेश जारी कर दिया है। नये आदेश के अनुसार अब राज्य के सभी होम्योपैथिक डॉक्टरों पर निगरानी रखी जाएगी।
यह निगरानी उसी तरीके से होगी जैसे शराब तस्करों पर रखी जाती है। मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से जारी आदेश में राज्य के सभी डीएम और उत्पाद विभाग के अफसरों के अलावा सभी जिम्मेवार अधिकारियों को यह कहा गया है कि होमियोपैथ डॉक्टरों पर आप सख्त नजर बनाकर रखें ताकि उनकी दवाओं का इस्तेमाल शराब बनाने में ना हो।
हालांकि सरकार के इस फैसले से होम्योपैथी डॉक्टरों और दवा बेचने वाले सदमे में हैं। गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है लेकिन इसके बावजूद छपरा में 78 लोगों की मौत हो गई और इसे लेकर काफी सवाल भी उठे थे। अब सरकार द्वारा दिए गए आदेश के बाद यह पहली बार होगा जब होम्योपैथ पेशे से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
मद्य निषेध विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर स्प्रीट का इस्तेमाल अपने व्यवसाय के कार्यो के लिए लोग कर रहे हैं तो इसकी पूर्व सूचना मद्य निषेध विभाग और स्थानीय पुलिस को देनी होगी। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो वह कानूनी रूप से अवैध माना जाएगा और उसके खिलाफ मध निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।