भाजयुमो ने बॉर्डर विलेज संपर्क अभियान के तहत रविवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित तीन बीघा कॉरिडोर का दौरा किया। इस अभियान में भाजपा दार्जिलिंग जिला सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू विष्ट भी शामिल हुए। मौके पर राजू विष्ट ने कहा कि तीन बीघा गलियारा बांग्लादेश को भारतीय क्षेत्र के भीतर दाहाग्राम-अंगारपोटा बांग्लादेशी एन्क्लेव तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।
एन्क्लेव एक ऐसे देश के टुकड़े होते हैं जो पूरी तरह से दूसरे देश से घिरा होता है। स्वतंत्रता के बाद से, भारत के बांग्लादेश में 102 एन्क्लेव थे, और बांग्लादेश के भारत में 71 एन्क्लेव थे। मामले को और जटिल करते हुए, दोनों देशों के परिक्षेत्रों के भीतर एन्क्लेव थे, जिन्हें काउंटर-एन्क्लेव भी कहा जाता था। भारत में 3 काउंटर-एन्क्लेव थे और बांग्लादेश में 25 दशकों से कांग्रेस इन एन्क्लेवों के निवासी हमारे नागरिकों के सामने आने वाली समस्या को हल करने में विफल रही।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक संविधान (119वां संशोधन) विधेयक 2015 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसने भारत और बांग्लादेश द्वारा परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान की अनुमति दी। पहले तीन बीघा गलियारा संघर्ष का प्रतीक था। लेकिन आज, यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग और दोस्ती के प्रतीक के रूप में उभरा है। पीएम मोदी के द्वारा समर्थित ‘पड़ोसी पहले’ और ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के महत्व को रेखांकित करता है।आगे उन्होंने कहा इस अभियान में भाजयुमो की टीमें भारत के 8 राज्यों और 50 जिलों के 200 से अधिक सीमावर्ती गांवों का दौरा करेंगे।
इस मौके पर भाजपा सांसद राजू विष्ट के अलावा जलपाईगुड़ी जिले के सांसद डॉ. जयंत रॉय, भाजपा जलपाईगुड़ी जिला अध्यक्ष बप्पी गोस्वामी, भाजयुमो जलपाईगुड़ी जिला अध्यक्ष पोलेन घोष, भाजयुमो के पश्चिमबंगाल के उपाध्यक्ष, प्रियंका शर्मा जलपाईगुड़ी जिले के महासचिव मनोज भुजेल सहित अन्य भाजयुमो नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे ।
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
भाजयुमो ने बॉर्डर विलेज संपर्क अभियान के तहत रविवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित तीन बीघा कॉरिडोर का दौरा किया। इस अभियान में भाजपा दार्जिलिंग जिला सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू विष्ट भी शामिल हुए। मौके पर राजू विष्ट ने कहा कि तीन बीघा गलियारा बांग्लादेश को भारतीय क्षेत्र के भीतर दाहाग्राम-अंगारपोटा बांग्लादेशी एन्क्लेव तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।
एन्क्लेव एक ऐसे देश के टुकड़े होते हैं जो पूरी तरह से दूसरे देश से घिरा होता है। स्वतंत्रता के बाद से, भारत के बांग्लादेश में 102 एन्क्लेव थे, और बांग्लादेश के भारत में 71 एन्क्लेव थे। मामले को और जटिल करते हुए, दोनों देशों के परिक्षेत्रों के भीतर एन्क्लेव थे, जिन्हें काउंटर-एन्क्लेव भी कहा जाता था। भारत में 3 काउंटर-एन्क्लेव थे और बांग्लादेश में 25 दशकों से कांग्रेस इन एन्क्लेवों के निवासी हमारे नागरिकों के सामने आने वाली समस्या को हल करने में विफल रही।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक संविधान (119वां संशोधन) विधेयक 2015 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसने भारत और बांग्लादेश द्वारा परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान की अनुमति दी। पहले तीन बीघा गलियारा संघर्ष का प्रतीक था। लेकिन आज, यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग और दोस्ती के प्रतीक के रूप में उभरा है। पीएम मोदी के द्वारा समर्थित ‘पड़ोसी पहले’ और ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के महत्व को रेखांकित करता है।आगे उन्होंने कहा इस अभियान में भाजयुमो की टीमें भारत के 8 राज्यों और 50 जिलों के 200 से अधिक सीमावर्ती गांवों का दौरा करेंगे।
इस मौके पर भाजपा सांसद राजू विष्ट के अलावा जलपाईगुड़ी जिले के सांसद डॉ. जयंत रॉय, भाजपा जलपाईगुड़ी जिला अध्यक्ष बप्पी गोस्वामी, भाजयुमो जलपाईगुड़ी जिला अध्यक्ष पोलेन घोष, भाजयुमो के पश्चिमबंगाल के उपाध्यक्ष, प्रियंका शर्मा जलपाईगुड़ी जिले के महासचिव मनोज भुजेल सहित अन्य भाजयुमो नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे ।
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