विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
किशनगंज जिले के गलगलिया से सटे नेपाल भद्रपुर के व्यवसायियों ने उप-प्रधानमंत्री व ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री राजेंद्र प्रसाद लिङ्देनका ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि मेची नदी पर पुल बनने से नेपाल की ओर सीमा बाजार का व्यापार घट रहा है। नेपाल भारत मैत्री संघ झापा के अध्यक्ष प्रदीपमणि रेग्मी ने बताया कि उद्योगपतियों ने नेपाल के उप-प्रधानमंत्री लिङ्देन से मुलाकात कर उन्हें सीमा पार होने वाली दिक्कतों और भारत सरकार द्वारा चाय निर्यात पर अपनाई गई नीति से अवगत कराया है।

श्री रेग्मी ने कहा कि उद्योगपतियों ने उप-प्रधानमंत्री लिङ्देन से अनुरोध किया कि वे मेची पुल के भद्रपुर-गलगलिया सीमा के माध्यम से आयात और निर्यात की सुविधा प्रदान करें, और इस सीमा के माध्यम से नेपाली चाय को भारत ले जाने की व्यवस्था लागू करें। झापा क्षेत्र संख्या 03 से निर्वाचित लिङ्देन उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां के उद्योगपतियों ने कृषि व सिंचाई बिजली के लिए सब्सिडी देने की भी मांग की है। दूसरी ओर, उप प्रधान मंत्री लिंगडन ने कहा है कि वह उद्योगपतियों द्वारा उठाई गई मांगों के प्रति सकारात्मक हैं और भद्रपुर सीमा के विकास और उन्नति के लिए पहल करेंगे।
उप-प्रधानमंत्री लिङ्देन से मुलाकात के दौरान चाय उद्योगपति चंडी प्रसाद परजुली, राजेंद्र सिंह राजवंशी, झापा उद्योग संघ के अध्यक्ष यम बहादुर श्रेष्ठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता और अन्य शामिल थे। बताते चलें कि गलगलिया-भद्रपुर अंतराष्ट्रीय मेची पुल का उद्घाटन 01 फरवरी 2019 को नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री और सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने किया था।
उद्घाटन समारोह में उन्होंने सीमावासियों से कहा था कि भारत के साथ भूटान एवं बांग्लादेश की दूरी कम है और इस पुल के बनने से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त कर कहा था कि नेपाल हाईवे को मेची पुल से जोड़ा जाएगा। जिससे इस क्षेत्र के विकास को अब कोई रोक नहीं सकता है। मगर पुल के चार साल के संचालन के बाद भी भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के बुनियादी ढांचे का निर्माण धीमा है। वर्तमान में इस सीमा से कुछ मात्रा में भारत से सामानों का आयात किया जा रहा है, लेकिन निर्यात नहीं किया जा रहा है।