गलगलिया स्टेशन परिसर में रेलवे प्रबंधन द्वारा पेयजल की सुविधा मुहैया कराने को लेकर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा था। शुक्रवार को गलगलिया रेलवे स्टेशन पर पेयजल संकट से यात्री बेहाल, ठाकुरगंज आइओडब्ल्यू ने कहा इसके लिए मैं जिम्मेदार नही शीर्षक से लगी खबर का हुआ असर। खबर जैसे ही न्यूज चैनल व अखबार की सुर्खियां बनी कि शुक्रवार को संबंधित ठेकेदार गलगलिया स्टेशन पहुँचकर चापाकल व नल स्लैब को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। ज्ञात हो कि यात्रियों की संख्या के अनुरूप गलगलिया रेलवे स्टेशन पर एक ट्यूबल एवं 03 नलों का एक स्लैब की स्वीकृति है। लेकिन, चालू हालत में इनमें से कोई भी नही होने के कारण पानी के लिए इस स्टेशन पर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। स्टेशन पर हर रोज पानी के लिए यात्रियों को भटकते देखा जा सकता है। स्टेशन के पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए आइओडब्लू को नियमित रूप से जांच-पड़ताल करने का निर्देश है। मगर इस संबंध रूपेश कुमार आइओडब्ल्यू ठाकुरगंज से बात करने पर उन्होंने कहा कि यह काम मेरे अधीन नही है और समस्या के लिये मेरी जिम्मेदारी नही है। जिसके बाद इस समस्या को लेकर सारस न्यूज व अन्य अखबार में खबर प्रकाशित होने के ठीक अगले दिन ही जिम्मेदार समस्या के समाधान में जुट गए हैं।
विजय गुप्ता,सारस न्यूज,गलगलिया।
गलगलिया स्टेशन परिसर में रेलवे प्रबंधन द्वारा पेयजल की सुविधा मुहैया कराने को लेकर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा था। शुक्रवार को गलगलिया रेलवे स्टेशन पर पेयजल संकट से यात्री बेहाल, ठाकुरगंज आइओडब्ल्यू ने कहा इसके लिए मैं जिम्मेदार नही शीर्षक से लगी खबर का हुआ असर। खबर जैसे ही न्यूज चैनल व अखबार की सुर्खियां बनी कि शुक्रवार को संबंधित ठेकेदार गलगलिया स्टेशन पहुँचकर चापाकल व नल स्लैब को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। ज्ञात हो कि यात्रियों की संख्या के अनुरूप गलगलिया रेलवे स्टेशन पर एक ट्यूबल एवं 03 नलों का एक स्लैब की स्वीकृति है। लेकिन, चालू हालत में इनमें से कोई भी नही होने के कारण पानी के लिए इस स्टेशन पर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। स्टेशन पर हर रोज पानी के लिए यात्रियों को भटकते देखा जा सकता है। स्टेशन के पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए आइओडब्लू को नियमित रूप से जांच-पड़ताल करने का निर्देश है। मगर इस संबंध रूपेश कुमार आइओडब्ल्यू ठाकुरगंज से बात करने पर उन्होंने कहा कि यह काम मेरे अधीन नही है और समस्या के लिये मेरी जिम्मेदारी नही है। जिसके बाद इस समस्या को लेकर सारस न्यूज व अन्य अखबार में खबर प्रकाशित होने के ठीक अगले दिन ही जिम्मेदार समस्या के समाधान में जुट गए हैं।
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