बिहार के कटिहार में एक बार फिर अजीबो-गरीब मामला सामने आ रहा हैं। यहां के दो छात्र अचानक करोड़ों रुपये के मालिक हो गए। इससे पहले खगड़िया में एक युवक के बैंक खाते में अचानक साढ़े पांच लाख रुपये आया गया था। बिहार में अचानक लोगों बैंक खाते में रुपये आने का सिलसिला जारी है। हाल में खगड़िया में एक युवक के खाते में साढ़े पांच लाख रुपये आ गए। युवक रंजीत दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुपये भेजे हैं। इसके बाद उसने रुपये खाते से निकाल लिए। बाद में पता चला कि बैंक की गलती से खाते में रुपये आए थे। ग्रामीण बैंक मानसी शाखा के अधिकारियों ने रुपये वापस करने को कहा। लेकिन रंजीत दास ने नहीं किया। इसके बाद युवक पर कानूनी कार्रवाई की गई। यह मामला अभी चर्चा में था ही कि कटिहार से नया एक मामला सामने आ गया। यहां के दो बैंक खातों में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आ गई। बैंक अधिकारी भी हैरान हैं कि इतनी राशि कहां से आयी। इसके बाद तो माने कटिहार के बैंक में भीड़ गई। अन्य लोगों ने भी अपने-अपने बैंक खाते को चेक करना शुरू कर दिया। हर सीएसपी सेंटर पर लंबी-लंबी कतार लगी रही। जानकारी के अनुसार बिहार में स्कूली छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए रुपये दिए जाते हैं। यह राशि बैंक खाते में ही आती है। दो बच्चे गुरुचंद्र विश्वास और असित कुमार पोशाक सीएसपी सेंटर पहुंचे। वे जानना चाह रहे थे कि पोशाक की राशि आयी है कि नहीं। दोनों बच्चे आजमनगर थाना के बघौरा पंचायत स्थित पस्तिया गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। यहां दोनों को पता चला कि खातों में तो करोड़ों रुपए जमा हैं। यह सुनकर बच्चे वहां खड़े अन्य लोग भी चौंक गए। छात्र गुरुचन्द्र विश्वास के खाता – 1008151030208081 में 60 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है। जबकि असित कुमार के खाता- 1008151030208001 में 900 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा है। दोनों खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक भेलागंज शाखा का है। इस संबंध में शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि दोनों बच्चों के खाते से भुगतान पर रोक लगा दी गई है। मामले की जांच की जा रही है। इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है। एलडीएम एमके मधुकर ने बताया कि बैंक से मामला आने के बाद इसकी जांच की जायेगी। हालांकि बैंक अधिकारी सहित सभी लोग हैरान हैं। साथ ही बच्चे और उसके अभिभावकों को यह पता नहीं है कि यह राशि कहां से आयी है। इस संबंध में जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में बैंक अधिकारियों से बाचचीत की है। प्रारंंभिक जांच से जानकारी मिली है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिनी स्टेटमेंट में इतनी बड़ी राशि दिखाई दे रहा था। छात्रों के खाते में कुछ भी राशि क्रेडिट नहीं हुई है।
बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार के कटिहार में एक बार फिर अजीबो-गरीब मामला सामने आ रहा हैं। यहां के दो छात्र अचानक करोड़ों रुपये के मालिक हो गए। इससे पहले खगड़िया में एक युवक के बैंक खाते में अचानक साढ़े पांच लाख रुपये आया गया था। बिहार में अचानक लोगों बैंक खाते में रुपये आने का सिलसिला जारी है। हाल में खगड़िया में एक युवक के खाते में साढ़े पांच लाख रुपये आ गए। युवक रंजीत दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुपये भेजे हैं। इसके बाद उसने रुपये खाते से निकाल लिए। बाद में पता चला कि बैंक की गलती से खाते में रुपये आए थे। ग्रामीण बैंक मानसी शाखा के अधिकारियों ने रुपये वापस करने को कहा। लेकिन रंजीत दास ने नहीं किया। इसके बाद युवक पर कानूनी कार्रवाई की गई। यह मामला अभी चर्चा में था ही कि कटिहार से नया एक मामला सामने आ गया। यहां के दो बैंक खातों में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आ गई। बैंक अधिकारी भी हैरान हैं कि इतनी राशि कहां से आयी। इसके बाद तो माने कटिहार के बैंक में भीड़ गई। अन्य लोगों ने भी अपने-अपने बैंक खाते को चेक करना शुरू कर दिया। हर सीएसपी सेंटर पर लंबी-लंबी कतार लगी रही। जानकारी के अनुसार बिहार में स्कूली छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए रुपये दिए जाते हैं। यह राशि बैंक खाते में ही आती है। दो बच्चे गुरुचंद्र विश्वास और असित कुमार पोशाक सीएसपी सेंटर पहुंचे। वे जानना चाह रहे थे कि पोशाक की राशि आयी है कि नहीं। दोनों बच्चे आजमनगर थाना के बघौरा पंचायत स्थित पस्तिया गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। यहां दोनों को पता चला कि खातों में तो करोड़ों रुपए जमा हैं। यह सुनकर बच्चे वहां खड़े अन्य लोग भी चौंक गए। छात्र गुरुचन्द्र विश्वास के खाता – 1008151030208081 में 60 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है। जबकि असित कुमार के खाता- 1008151030208001 में 900 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा है। दोनों खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक भेलागंज शाखा का है। इस संबंध में शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि दोनों बच्चों के खाते से भुगतान पर रोक लगा दी गई है। मामले की जांच की जा रही है। इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है। एलडीएम एमके मधुकर ने बताया कि बैंक से मामला आने के बाद इसकी जांच की जायेगी। हालांकि बैंक अधिकारी सहित सभी लोग हैरान हैं। साथ ही बच्चे और उसके अभिभावकों को यह पता नहीं है कि यह राशि कहां से आयी है। इस संबंध में जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में बैंक अधिकारियों से बाचचीत की है। प्रारंंभिक जांच से जानकारी मिली है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिनी स्टेटमेंट में इतनी बड़ी राशि दिखाई दे रहा था। छात्रों के खाते में कुछ भी राशि क्रेडिट नहीं हुई है।
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