गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के तीसरे तिमाही का बैंकिंग जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी), जिलास्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) और जिला स्तरीय सलाहकार समिति ( ग्रामीण स्व नियोजन प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति, डीएलआरएसी) की बैठक समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में आहूत की गई।
उक्त बैठक में क्रमवार साख जमा अनुपात वार्षिक साख योजना, कृषि, किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं, जीविका, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, आत्म निर्भर योजना, स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्व निधि योजना, नीलाम पत्र, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना आदि कार्यों की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की गई। बैंको के स्तर पर लंबित कार्यों और समस्याओं पर भी चर्चा हुई।
जिला पदाधिकारी ने बैठक में आवेदकों को ऋण स्वीकृति उपरांत मार्जिन मनी व ऋण राशि निर्गत करने में बैंको के स्तर से धीमे कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि सभी बैंक यह सुनिश्चित कराएं कि उनका सीडी रेसियो 40% से नीचे नहीं रहे। यद्यपि जिला का सीडी अनुपात 72.10% रहा। राज्य स्तर पर सीडी रेश्यो 51.22% के अनुपात में काफी अच्छी रही। अपेक्षाकृत लक्ष्य के विरुद्ध कम एसीपी वाले बैंको को सुधार लाने का निर्देश भी दिया गया। एसबीआई, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का परफॉरमेंस बहुत बुरा रहा। तदनुसार बैठक में समीक्षा हुई तथा सुधार लाने का निर्देश दिया गया। बैंको के प्रदर्शन में सुधार के निमित एलडीएम इंद्र भूषण को निर्देशित किया गया कि प्रखंड स्तर पर भी इस तरह की बैठक नियमित रूप से कराए और क्रेडिट कैंप का आयोजन करें।
जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई की समीक्षोपरांत आवेदन पर नियमानुसार निर्णय लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया। बैंको के द्वारा केसीसी के मामले में कृषि भूमि सत्यापन के संबंध में कतिपय समस्या बताने पर विभागीय नियमो को आलोक में ऑनलाइन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर कार्रवाई करने एवम आवश्यकतानुसार बैंकिंग उप समाहर्त्ता, रंजीत कुमार को समन्वय हेतु निर्देशित किया। एनपीए के मामलो में संबंधित नीलाम पत्र पदाधिकारी से संपर्क कर वसूली का निर्देश दिया गया।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सभी कृषकों के पास केसीसी संभवतः नहीं है, अतएव ऐसे किसानों से जो किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें केसीसी मुहैया करवाई जाए ताकि किसान को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी) और पीएमएफएमइ पर प्रमुखता से जोर दिया गया एवं बताया गया कि बैंक के स्तर से अच्छा कार्य किया जा रहा है,परंतु रोजगार सृजन अधिकाधिक हो, इसलिए ऐसे ऋण को लक्ष्य से ज्यादा बढ़कर स्वीकृत करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि लोन देने में बैंक सक्रिय भूमिका अदा करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैंक को स्वतः न्यूनतम एक लोन आवेदन स्वीकृत करना है। अस्वीकृति के बिंदु पर निदेश दिया गया कि अस्वीकृति से पहले आवेदक को कारण बताये तथा कमियों को दूर करने का तरीका बताये। यदि लोन राशि की मात्रा नियमानुसार ज्यादा हो तो इसे रेक्टिफाई कर उसे स्वीकृत करे। अधिकतम सहयोग करें तभी हमारा जिला समृद्ध और विकसित होगा।
डीएम ने कहा कि सभी बैंक सीएसआर (कमर्शियल सोशल रिस्पॉन्सिबलिटी) के तहत अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में जिला प्रशासन को सूचित कर समन्वय से ही कार्य करें। सभी बैंकर्स को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सर्टिफिकेट केस में सभी को निर्देश दिया गया कि जागरूक होकर अपना अपना रिपोर्ट समय पर संबंधित सर्टिफिकेट पदाधिकारी को दे ताकि राजस्व वसूली हो। डीडीएम नाबार्ड, दयाशंकर तिवारी को संभाव्यता युक्त ऋण योजना नवगठित एफपीओ के बारे में विस्तार से बताया। संभाव्यतायुक्त ऋण योजना 2022-23 समाप्ति की ओर है, तदनुसार कार्य निष्पादन का निर्देश दिया गया।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्षा नुदरत महजबी, डीडीसी मनन राम, एसडीसी (बैंकिंग) रंजीत कुमार, निदेशक डीआरडीए विकास कुमार, एलडीएम इंदु शेखर, निदेशक आर सेटी, डीडीएम नाबार्ड, सभी बैंक के जिला समन्वयक, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, बैंक प्रबंधक आदि अधिकारी उपस्थित हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के तीसरे तिमाही का बैंकिंग जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी), जिलास्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) और जिला स्तरीय सलाहकार समिति ( ग्रामीण स्व नियोजन प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति, डीएलआरएसी) की बैठक समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में आहूत की गई।
उक्त बैठक में क्रमवार साख जमा अनुपात वार्षिक साख योजना, कृषि, किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं, जीविका, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, आत्म निर्भर योजना, स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्व निधि योजना, नीलाम पत्र, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना आदि कार्यों की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की गई। बैंको के स्तर पर लंबित कार्यों और समस्याओं पर भी चर्चा हुई।
जिला पदाधिकारी ने बैठक में आवेदकों को ऋण स्वीकृति उपरांत मार्जिन मनी व ऋण राशि निर्गत करने में बैंको के स्तर से धीमे कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि सभी बैंक यह सुनिश्चित कराएं कि उनका सीडी रेसियो 40% से नीचे नहीं रहे। यद्यपि जिला का सीडी अनुपात 72.10% रहा। राज्य स्तर पर सीडी रेश्यो 51.22% के अनुपात में काफी अच्छी रही। अपेक्षाकृत लक्ष्य के विरुद्ध कम एसीपी वाले बैंको को सुधार लाने का निर्देश भी दिया गया। एसबीआई, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का परफॉरमेंस बहुत बुरा रहा। तदनुसार बैठक में समीक्षा हुई तथा सुधार लाने का निर्देश दिया गया। बैंको के प्रदर्शन में सुधार के निमित एलडीएम इंद्र भूषण को निर्देशित किया गया कि प्रखंड स्तर पर भी इस तरह की बैठक नियमित रूप से कराए और क्रेडिट कैंप का आयोजन करें।
जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई की समीक्षोपरांत आवेदन पर नियमानुसार निर्णय लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया। बैंको के द्वारा केसीसी के मामले में कृषि भूमि सत्यापन के संबंध में कतिपय समस्या बताने पर विभागीय नियमो को आलोक में ऑनलाइन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर कार्रवाई करने एवम आवश्यकतानुसार बैंकिंग उप समाहर्त्ता, रंजीत कुमार को समन्वय हेतु निर्देशित किया। एनपीए के मामलो में संबंधित नीलाम पत्र पदाधिकारी से संपर्क कर वसूली का निर्देश दिया गया।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सभी कृषकों के पास केसीसी संभवतः नहीं है, अतएव ऐसे किसानों से जो किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें केसीसी मुहैया करवाई जाए ताकि किसान को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी) और पीएमएफएमइ पर प्रमुखता से जोर दिया गया एवं बताया गया कि बैंक के स्तर से अच्छा कार्य किया जा रहा है,परंतु रोजगार सृजन अधिकाधिक हो, इसलिए ऐसे ऋण को लक्ष्य से ज्यादा बढ़कर स्वीकृत करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि लोन देने में बैंक सक्रिय भूमिका अदा करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैंक को स्वतः न्यूनतम एक लोन आवेदन स्वीकृत करना है। अस्वीकृति के बिंदु पर निदेश दिया गया कि अस्वीकृति से पहले आवेदक को कारण बताये तथा कमियों को दूर करने का तरीका बताये। यदि लोन राशि की मात्रा नियमानुसार ज्यादा हो तो इसे रेक्टिफाई कर उसे स्वीकृत करे। अधिकतम सहयोग करें तभी हमारा जिला समृद्ध और विकसित होगा।
डीएम ने कहा कि सभी बैंक सीएसआर (कमर्शियल सोशल रिस्पॉन्सिबलिटी) के तहत अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में जिला प्रशासन को सूचित कर समन्वय से ही कार्य करें। सभी बैंकर्स को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सर्टिफिकेट केस में सभी को निर्देश दिया गया कि जागरूक होकर अपना अपना रिपोर्ट समय पर संबंधित सर्टिफिकेट पदाधिकारी को दे ताकि राजस्व वसूली हो। डीडीएम नाबार्ड, दयाशंकर तिवारी को संभाव्यता युक्त ऋण योजना नवगठित एफपीओ के बारे में विस्तार से बताया। संभाव्यतायुक्त ऋण योजना 2022-23 समाप्ति की ओर है, तदनुसार कार्य निष्पादन का निर्देश दिया गया।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्षा नुदरत महजबी, डीडीसी मनन राम, एसडीसी (बैंकिंग) रंजीत कुमार, निदेशक डीआरडीए विकास कुमार, एलडीएम इंदु शेखर, निदेशक आर सेटी, डीडीएम नाबार्ड, सभी बैंक के जिला समन्वयक, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, बैंक प्रबंधक आदि अधिकारी उपस्थित हुए।