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गलगलिया में ब्राउन सुगर का कारोबार करने वाले कारोबारियों की कट रही चांदी, कार्रवाई के बजाय खुद को असहाय महसूस कर रही पुलिस।

सारस न्यूज, गलगलिया।

बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद जैसे ही युवाओं ने नशीले ड्रग्स का सहारा लिया है वैसे ही सीमावर्ती क्षेत्र के गलगलिया में नशीले ड्रग्स ब्राउन शुगर का कारोबार करने वाले माफियाओं व कारोबारियों की चांदी हो गयी है। सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में आज के समय हर रोज करीब 05 लाख रुपये से भी अधिक ब्राउन शुगर का कारोबार होता है। पुलिस की ओर से इस दिशा में की गई कार्रवाई का हाल यह है कि ब्राउन शुगर कारोबारियों को ना तो पुलिस का भय है और ना ही कानून का, यदि भय है तो केवल पत्रकार के कैमरे का। ब्राउन शुगर की खुलेआम हो रही बिक्री की वजह से हर रोज इनकी चपेट में आने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। गलगलिया में इस कारोबार के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पुलिस खुद को असहाय महसूस कर रही है। पुलिस की इस शिथिलता का नतीजा यह कि पिछले एक वर्ष में ब्राउन शुगर कारोबारियों की तादाद बढ़कर एक दर्जन से अधिक हो गई है। इससे चोरी व छिनतई की वारदातों में भी इजाफा हुआ है। इस नशीले कारोबार में अच्छी कमाई के चलते इसमें महिलाएं भी लिप्त हो गई हैं। ब्राउन शुगर का नशा युवाओं की रगों में नासूर की तरह जगह बनाता जा रहा है। पुलिस की नरमी के कारण आज गलगलिया के हर मुख्य मार्गों, चौराहों व गली-मौहल्लों में किराणा की दुकान की तरह आसानी से ब्राउन शुगर की पुड़िया उपलब्ध है। नशे के आदी युवाओं में इसका धुआं इस तरह घर कर जाता है कि कुछ देर तक इसका डोज नहीं मिलने पर वे खुद को नोंचने की स्थिति में आ जाते हैं। बताते चलें कि भारत-नेपाल एवं बंगाल सीमा गलगलिया के इस शांत इलाके में ब्राउन शुगर का नशा नासूर बनता जा रहा है। नशे का बढ़ता जाल गलगलिया से शुरू होकर ठाकुरगंज पास के बंगाल चक्करमारी, सिंघीयाजोत, डेंगूजोत इलाके में पूरी तरह पैर पसार चुका है और युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। करियर बनाने की उम्र में इस नशीले पदार्थ की ओर आकर्षित होकर कई युवा राह से भटक रहे हैं। ब्राउन शुगर के इस रैकेट्स का नेटवर्क तोड़ने में यहाँ की कोई भी एजेंसी कामयाब नही हो पा रही है।

गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार की कार्रवाई से लगा था अंकुश

पिछले कई वर्षो में पुलिस ने दो कार्रवाई को छोड़ किसी बड़े ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। दिनांक- 07 नवंबर 2022 को तत्कालीन गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार द्वारा गलगलिया के लकड़ी डिपू गाँव में छापेमारी कर एक कारोबारी के घर से अलमारी से छिपाकर रखा 68.10 ग्राम ब्राउन सुगर व नकद 05 लाख 54 हजार रुपया बरामद कर दो लोगों को जेल भेजा गया था। वहीं इनके द्वारा तोड़ीपट्टी गाँव में भी छापेमारी कर ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तारी की गई थी। इस कार्रवाई के बाद इन कारोबारियों में कुछ माह तक भय बना रहा और धंधे पर अंकुश लगा था, मगर पिछले दो-तीन महीने से इनके हौसले फिर से बुलंद होते जा रहे हैं, और धंधेबाज फिर कानून को ठेंगा दिखाकर आराम से ब्राउन शुगर बेच रहे हैं।

मौन संरक्षण से सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशे का कारोबार

सूबे की सरकार भले ही अवैध कारोबारियों पर अपना चाबुक चलाने के कितने भी दावे क्यों न कर ले लेकिन असल ज़मीनी हकीकत इसके कुछ उलट ही है। हैरत की बात तो यह है कि इन अवैध कारोबारियों पर नकैल कसने की जिम्मेदारी नीतीश सरकार की जिस पुलिस के कंधों पर है उन कंधों को मौन संरक्षण के कारण ही सीमावर्ती क्षेत्र में नशे का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है तभी तो खुलेआम बिक रही ब्राउन शुगर और उनके कारोबारियों पर लगाम नहीं लग पा रही है।

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