सारस न्यूज, ठाकुरगंज किशनगंज।
फ्री विल बेपटिस्ट सोसायटी के संस्थापक डोनाल्ड कार्लिस्ले हन्ना का 17 फरवरी 2023 को अमेरिका में निधन होने लगभग 45 दिनों के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके मृत शरीर को भारत लाया गया। इसके बाद मंगलवार को सोनापुर स्थित फ्री विल बेपटिस्ट सोसायटी उनके पार्थिक शरीर को रखा गया जहां पर सभी धर्म व समुदाय के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उसके बाद ईसाई धर्म के मुताबिक उनके मृत शरीर को दफनाया गया।

94 वर्षीय डोनाल्ड कार्लिस्ले हन्ना का जन्म 3 अगस्त 1929 को अमेरिका के साउथ कैरोलिना राज्य में हुआ था। वह छोटी उम्र में अमेरिकन रेलवे के लिए काम कर रहे थे। जब भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे तो डोनाल्ड कार्लिस्ले हन्ना को भारत की सेवा करने के लिए एक दिवसीय आह्वान मिला, विशेष रूप से तब जब एंटिबायोटिक्स नहीं थे और कई लोग हैजा और तपेदिक के कारण मर रहे थे। वह 27 अक्टूबर, 1952 को भारत पहुंचे।
भारत आते ही उन्होंने शिक्षा की कमी देखी और उन्होंने महसूस किया कि उचित शिक्षा के बिना सशक्त और स्वस्थ समुदाय का होना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने अनाथों और अर्ध-अनाथों की शिक्षा के लिए छात्रावास परियोजना शुरू की।
इस संबंध में फ्री विल बेपटिस्ट सोसायटी के सुभाष दास ने बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड, सोनापुर और इस्लामपुर में सरकारी प्राथमिक और हाई स्कूल के लिए कुछ कमरों का निर्माण किया। उनकी पत्नी मैरी हैना की भी सोनापुर में मृत्यु हो गई थी और उन्हें सोनापुर में दफनाया गया। वह 1971 के युद्ध के दौरान शरणार्थी शिविरों में काम सेवा दिया था जो कभी भुलाया नहीं जाएगा।
उन्होंने हजारों किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जब ठाकुरगंज व सोनापुर क्षेत्र में मकई की खेती के बारे में कोई नहीं जानता था। उन्होंने कई स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक परियोजनाओं के माध्यम से लाखों गरीबों और निराश्रितों की मदद की। इसलिए उन्हें ठाकुरगंज व सोनापुर इलाके में सभी अंकल पुकार कर उन्हें सम्मान देते थे।
वहीं उनके अंतिम संस्कार में एसपी वैशव सरकार, चोपड़ा (पश्चिम बंगाल) के विधायक हमीदुल रहमान, थानाध्यक्ष हेमंत शर्मा, सोनापुर के मुखिया प्रतिनिधि मो शाहिद, उच्च विद्यालय सोनापुर के प्रधानाध्यापक ध्रुव कुमार तिवारी सहित बड़ी संख्या में ठाकुरगंज के गणमान्य नागरिक व ईसाई धर्म के अनुयायी शरीक हुए।