सारस न्यूज, किशनगंज।
सोमवार को जन सुराज पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने वैशाली के पातेपुर क्षेत्र का दौरा किया। अपने पदयात्रा के दौरान पातेपुर में आयोजित एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा “गरीब का बच्चा जब सरकारी स्कूल में जाता है तो वहां पढ़ाई नहीं होती है। वो केवल पिलुआ वाला खिचड़ी खाकर वापस आ जाता है। जिन लोगों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं, वो कहते हैं कि सरकारी स्कूलों से उनको कोई मतलब नहीं है लेकिन उन्हें शायद पता होना चाहिए कि उनके बच्चें आखिर में कॉलेज जहां पढ़ने जाएंगे वो सरकारी ही होगा। आज स्कूलों में खिचड़ी और कॉलेजों में डिग्री बांटी जा रही है, इससे ज्यादा कुछ नहीं हो रहा है। पढ़ाई दोनों में कहीं नहीं हो रहा है। बिहार के लोगों को सोचने की जरूरत है कि अगर आपके बच्चे पढ़ेंगे ही नहीं तो कलेक्टर की जगह मजदूर ही बनेंगे। इस गरीब बिहार में हर साल बिहार सरकार का 40 हजार करोड़ रुपये शिक्षा के नाम पर खर्च हो रहा है, लेकिन इतना भ्रष्टाचार है कि 40 बच्चें भी ठीक से पढ़कर नहीं निकल रहे हैं।” प्रशांत किशोर ने कहा कि प्राचीन काल से ही बिहार ने लोकतंत्र, शिक्षा, राजनीति, धर्म एवं ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को मार्गदर्शन देने का कार्य किया है। पर आज क्या स्थिति है स्वयं में आकलन करें कि बिहार में शिक्षा की बदहाली के लिए जिम्मेदार कौन है?