पड़ोसी देश नेपाल व पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सटे किशनगंज जिले के ठाकुरगंज एवं पोठिया प्रखंड क्षेत्र में अनानास फल का उत्पादन बहुत बड़े क्षेत्रफल में किया जाता है। करीब 20 वर्ष पूर्व पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के किसानों से प्रभावित होकर वर्ष 2000 में एक छोटे से रकवे से ठाकुरगंज में अनानास फल की खेती प्रारंभ की गई थी और आज इस फल की उत्पादन इतनी मात्रा में होने लगी हैं कि इस फल ने देश के नक्शे में बिहार राज्य का नाम दर्ज करा दिया है।
अनानास की खेती के रकबे में बढ़ोतरी होने के कारण एक जिला एक उत्पाद के तहत किशनगंज को अनानास मिला है। दो साल पूर्व यह चयन हुआ, लेकिन न अब तक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना की कवायद रफ्तार पकड़ सकी है और न ही उत्पादित फल को बिक्री के लिए एक अदद मंडी ही खुल पाई है। इस कारण किसानों को कम कीमत पर बंगाल के मंडी पर आश्रित होकर अपने उत्पादित अनानास फल को औने पौने दाम पर बेचना होता है। यही नहीं अनानास जैसे फलों सहित कई फलों के भंडारण के लिए क्षेत्र में कोई स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं है।
जबकि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत अनानास प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर जैम, टाफी, जूस आदि बनाना है। इसके लिए उद्यान विभाग 10 लाख रुपये तक का ऋण भी देगी। प्रोसेसिंग प्लांट लगने से बाकी किसानों की रुचि भी अनानास की खेती की ओर बढ़ेगी। बावजूद, स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग प्लांट के लिए किसानों के बीच जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है। बढ़ती महंगाई के कारण पहले के अपेक्षा अनानास की फसल उत्पादन की लागत काफी बढ़ गयी है। अनानास से संबंधित प्लांट लगने से किसानों को लाभ मिलेगी। इससे और अनानास की खेती का रकवा बढ़ेगा तथा स्थानीय क्षेत्र में रोजगार के आसार बढ़ेंगे।
क्या कहते हैं किसान:- अनानास फल उत्पादक किसान प्रमोद साह, उज्ज्वल सिंह, सुबोध संकर सिंह आदि बताते हैं कि ठाकुरगंज, पोठिया व इसके आसपास के क्षेत्र में करीब 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में करीब 3 हजार से भी अधिक किसान बड़े पैमाने पर अनानास की खेती करते है। वर्ष 2012 में सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी ठाकुरगंज में अनानास किसानों से मिलने के दौरान कहा था कि ठाकुरगंज में जिस तरीके से अनानास की फसल के उत्पादन में वृद्धि हो रही है जल्द ही यहां फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा ताकि यहां के अनानास किसानों को सही लाभ मिल सके। पर अभी तक कुछ भी किसानों को नहीं मिला। चुनाव के दरम्यान आयोजित जनसभाओं में नेताओं द्वारा हर बार ठाकुरगंज में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना हेतु घोषणाओं की झड़ी लगा देते हैं पर चुनाव जीतने के बाद वही ढाक के तीन पात वाली कहावत देखने को मिलती है। इस दिशा में सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम धरातल में नहीं दिख रहा है।
वहीं अनानास उत्पादक किसान रविन्द्र सिंह, दिलीप सिंह आदि बताते हैं कि क्षेत्र में अनानास फल से संबंधित फुड प्रोसेसिंग प्लांट न होने से किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता है। किसान ने देश के बड़े शहरों के व्यापारियों पर डिपेंड होकर अनानास फल की बिक्री करने को विवश है। विडंबना तो यह है कि अपने क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अनानास की खेती होने के बावजूद भी स्थानीय स्तर पर एक अदद मंडी भी नहीं है जिस कारण राज्य में उत्पादित होने वाले अनानास फल को पश्चिम बंगाल के विधाननगर, सोनापुर आदि मंडियों में बेचने पर मजबूर हैं, जहां वहां के व्यापारियों की मनमानी चलती हैं। क्षेत्र में मंडी न होने से इन मंडियों में सस्ते दरों पर अपने फल बेचने को विवश होते हैं। इन लोगों ने राज्य सरकार से अनानास से संबंधित उद्योग या फिर इसका बाजार लगाने की मांग की है ताकि सैकड़ों किसानों को सही मूल्य मिले।
क्या कहते हैं अधिकारी:- प्रखंड उद्यान पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अनानास प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए कुछ प्रस्ताव आए थे लेकिन दोबारा किसी ने संपर्क नहीं किया। जहां तक मंडी बनाने की बात है तो इस संबंध में विभागीय विचार विमर्श चल रहा है कि ठाकुरगंज नगर में स्थित कृषि बाजार उत्पादन समिति ठाकुरगंज में आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य चल रहा है, कार्य पूर्ण होने के बाद उक्त स्थान पर अनानास सहित अन्य उत्पादों को के लिए मंडी मुहैया कराई जाएगी।
सारस न्यूज, किशनगंज।
पड़ोसी देश नेपाल व पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सटे किशनगंज जिले के ठाकुरगंज एवं पोठिया प्रखंड क्षेत्र में अनानास फल का उत्पादन बहुत बड़े क्षेत्रफल में किया जाता है। करीब 20 वर्ष पूर्व पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के किसानों से प्रभावित होकर वर्ष 2000 में एक छोटे से रकवे से ठाकुरगंज में अनानास फल की खेती प्रारंभ की गई थी और आज इस फल की उत्पादन इतनी मात्रा में होने लगी हैं कि इस फल ने देश के नक्शे में बिहार राज्य का नाम दर्ज करा दिया है।
अनानास की खेती के रकबे में बढ़ोतरी होने के कारण एक जिला एक उत्पाद के तहत किशनगंज को अनानास मिला है। दो साल पूर्व यह चयन हुआ, लेकिन न अब तक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना की कवायद रफ्तार पकड़ सकी है और न ही उत्पादित फल को बिक्री के लिए एक अदद मंडी ही खुल पाई है। इस कारण किसानों को कम कीमत पर बंगाल के मंडी पर आश्रित होकर अपने उत्पादित अनानास फल को औने पौने दाम पर बेचना होता है। यही नहीं अनानास जैसे फलों सहित कई फलों के भंडारण के लिए क्षेत्र में कोई स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं है।
जबकि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत अनानास प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर जैम, टाफी, जूस आदि बनाना है। इसके लिए उद्यान विभाग 10 लाख रुपये तक का ऋण भी देगी। प्रोसेसिंग प्लांट लगने से बाकी किसानों की रुचि भी अनानास की खेती की ओर बढ़ेगी। बावजूद, स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग प्लांट के लिए किसानों के बीच जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है। बढ़ती महंगाई के कारण पहले के अपेक्षा अनानास की फसल उत्पादन की लागत काफी बढ़ गयी है। अनानास से संबंधित प्लांट लगने से किसानों को लाभ मिलेगी। इससे और अनानास की खेती का रकवा बढ़ेगा तथा स्थानीय क्षेत्र में रोजगार के आसार बढ़ेंगे।
क्या कहते हैं किसान:- अनानास फल उत्पादक किसान प्रमोद साह, उज्ज्वल सिंह, सुबोध संकर सिंह आदि बताते हैं कि ठाकुरगंज, पोठिया व इसके आसपास के क्षेत्र में करीब 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में करीब 3 हजार से भी अधिक किसान बड़े पैमाने पर अनानास की खेती करते है। वर्ष 2012 में सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी ठाकुरगंज में अनानास किसानों से मिलने के दौरान कहा था कि ठाकुरगंज में जिस तरीके से अनानास की फसल के उत्पादन में वृद्धि हो रही है जल्द ही यहां फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा ताकि यहां के अनानास किसानों को सही लाभ मिल सके। पर अभी तक कुछ भी किसानों को नहीं मिला। चुनाव के दरम्यान आयोजित जनसभाओं में नेताओं द्वारा हर बार ठाकुरगंज में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना हेतु घोषणाओं की झड़ी लगा देते हैं पर चुनाव जीतने के बाद वही ढाक के तीन पात वाली कहावत देखने को मिलती है। इस दिशा में सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम धरातल में नहीं दिख रहा है।
वहीं अनानास उत्पादक किसान रविन्द्र सिंह, दिलीप सिंह आदि बताते हैं कि क्षेत्र में अनानास फल से संबंधित फुड प्रोसेसिंग प्लांट न होने से किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता है। किसान ने देश के बड़े शहरों के व्यापारियों पर डिपेंड होकर अनानास फल की बिक्री करने को विवश है। विडंबना तो यह है कि अपने क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अनानास की खेती होने के बावजूद भी स्थानीय स्तर पर एक अदद मंडी भी नहीं है जिस कारण राज्य में उत्पादित होने वाले अनानास फल को पश्चिम बंगाल के विधाननगर, सोनापुर आदि मंडियों में बेचने पर मजबूर हैं, जहां वहां के व्यापारियों की मनमानी चलती हैं। क्षेत्र में मंडी न होने से इन मंडियों में सस्ते दरों पर अपने फल बेचने को विवश होते हैं। इन लोगों ने राज्य सरकार से अनानास से संबंधित उद्योग या फिर इसका बाजार लगाने की मांग की है ताकि सैकड़ों किसानों को सही मूल्य मिले।
क्या कहते हैं अधिकारी:- प्रखंड उद्यान पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अनानास प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए कुछ प्रस्ताव आए थे लेकिन दोबारा किसी ने संपर्क नहीं किया। जहां तक मंडी बनाने की बात है तो इस संबंध में विभागीय विचार विमर्श चल रहा है कि ठाकुरगंज नगर में स्थित कृषि बाजार उत्पादन समिति ठाकुरगंज में आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य चल रहा है, कार्य पूर्ण होने के बाद उक्त स्थान पर अनानास सहित अन्य उत्पादों को के लिए मंडी मुहैया कराई जाएगी।
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