जन सुराज संकल्प दिवस के दिन अभियान से जुड़े 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी, सबने प्रशांत किशोर की मुहिम को बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए जरूरी बताया।
प्रशांत किशोर द्वारा शुरू किया गया जन सुराज अभियान मंगलवार को अपना पहला संकल्प दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 2 मई 2022 को प्रशांत किशोर ने ट्वीट के माध्यम से जन सुराज अभियान के शुरुआत करने की घोषणा की थी। मंगलवार को इसके 1 साल पूरे होने के अवसर पर जन सुराज के पटना स्थित कार्यालय में 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों ने जन सुराज अभियान को अपना समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर की इस मुहिम में शामिल हुए। जन सुराज से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश कुमार मिश्रा ने सभी 6 अधिकारियों को शॉल और बुके देकर जन सुराज परिवार में औपचारिक तौर पर शामिल कराया। जन सुराज संकल्प दिवस के अवसर पर जन सुराज में शामिल होने वाले 6 प्रशासनिक अधिकारियों ने जुड़ने के बाद मीडिया से बातचीत की। अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि वे व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में प्रशांत किशोर के साथ हैं।
पूर्व जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर जब चाहते मंत्री, सांसद और विधायक बन जाते, लेकिन आज वे गांव-गांव बिहार में पैदल चल रहे हैं। कैमूर की जनता से सलाह लेकर मैं प्रशांत किशोर की इस मुहिम में उनके साथ जुड़ा हूं। ललन सिंह यादव ने प्रशांत किशोर को सामाजिक डॉक्टर बताते हुए कहा कि मैं प्रशांत किशोर के विजन सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के साथ हूं। तुलसी हजारा ने बताया कि आज बिहार के आम लोग भी जन सुराज पदयात्रा और इसके उद्देश्य के साथ जुड़ रहे हैं, प्रशांत जी उन गांवों में जा रहे हैं जहां आजतक कोई एमपी- एमएलए नहीं गया है। सुरेश शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर अपने भाषणों में कहते हैं कि बिहार की बदहाली के लिए खुद बिहार के लोग जिम्मेदार हैं, जनता के सामने ये कहने का साहस सिर्फ प्रशांत किशोर में है। गोपाल नारायण सिंह ने जन सुराज से जुड़ने पर कहा कि बिहार में नेता पार्टी बदल लेते हैं, लेकिन उनका काम करने का तरीका नहीं बदलता। प्रशांत किशोर बिहार को एक नया रास्ता दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
जन सुराज अभियान में 6 प्रशासनिक अधिकारियों के जुड़ने के अवसर पर अभियान से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश मिश्रा ने कहा कि आज हमारे देश में दो विचारधाराएं प्रभावित हो रही हैं और दोनों ही विचारधाराएं आज 20-20 का मैच खेल रहे हैं। आज एक ऐसी विचारधारा है जो देश की 20 प्रतिशत अगड़े और स्वर्ण जिसे कहा जाता है उनको अलग कर 80 प्रतिशत बाकी लोगों को संगठित कर राजनीति के द्वारा शासन करने का प्रयास कर रहे हैं और उसका प्रतिफल हमे समाज में प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। दूसरी विचारधारा है जो 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक समाज की आबादी को अलग कर 80 प्रतिशत हिंदू आबादी को संगठित कर शासन व्यवस्था चलाने का प्रयास कर रहे हैं, यह दोनों विचारधारा से जुड़ी पार्टियां इसी आधार पर शासन कर रही है। जन सुराज का मतलब है कि 100 प्रतिशत जनसंख्या को साथ लेकर चलने के लिए जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प व साथ ही प्रजातांत्रिक मूल्यों की पुनः स्थापना की जाए। जन सुराज अभियान में जुड़ने वाले 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों का विवरण:-
अजय कुमार द्विवेदी (पश्चिम चंपारण) – सेवानिवृत विशेष सचिव, कैबिनेट, बिहार सरकार।
अरविंद कुमार सिंह (भोजपुर) – सेवानिवृत सचिव, पूर्व जिलाधिकारी (कैमूर एवं पूर्णिया)।
तुलसी हजार (पूर्वी चंपारण) – सेवानिवृत प्रशासक बेतिया राज, बिहार सरकार।
सुरेश शर्मा (गोपालगंज) – सेवानिवृत संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार।
गोपाल नारायण सिंह (औरंगाबाद) – सेवानिवृत संयुक्त सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार सरकार।
सारस न्यूज, किशनगंज।
प्रशांत किशोर द्वारा शुरू किया गया जन सुराज अभियान मंगलवार को अपना पहला संकल्प दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 2 मई 2022 को प्रशांत किशोर ने ट्वीट के माध्यम से जन सुराज अभियान के शुरुआत करने की घोषणा की थी। मंगलवार को इसके 1 साल पूरे होने के अवसर पर जन सुराज के पटना स्थित कार्यालय में 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों ने जन सुराज अभियान को अपना समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर की इस मुहिम में शामिल हुए। जन सुराज से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश कुमार मिश्रा ने सभी 6 अधिकारियों को शॉल और बुके देकर जन सुराज परिवार में औपचारिक तौर पर शामिल कराया। जन सुराज संकल्प दिवस के अवसर पर जन सुराज में शामिल होने वाले 6 प्रशासनिक अधिकारियों ने जुड़ने के बाद मीडिया से बातचीत की। अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि वे व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में प्रशांत किशोर के साथ हैं।
पूर्व जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर जब चाहते मंत्री, सांसद और विधायक बन जाते, लेकिन आज वे गांव-गांव बिहार में पैदल चल रहे हैं। कैमूर की जनता से सलाह लेकर मैं प्रशांत किशोर की इस मुहिम में उनके साथ जुड़ा हूं। ललन सिंह यादव ने प्रशांत किशोर को सामाजिक डॉक्टर बताते हुए कहा कि मैं प्रशांत किशोर के विजन सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के साथ हूं। तुलसी हजारा ने बताया कि आज बिहार के आम लोग भी जन सुराज पदयात्रा और इसके उद्देश्य के साथ जुड़ रहे हैं, प्रशांत जी उन गांवों में जा रहे हैं जहां आजतक कोई एमपी- एमएलए नहीं गया है। सुरेश शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर अपने भाषणों में कहते हैं कि बिहार की बदहाली के लिए खुद बिहार के लोग जिम्मेदार हैं, जनता के सामने ये कहने का साहस सिर्फ प्रशांत किशोर में है। गोपाल नारायण सिंह ने जन सुराज से जुड़ने पर कहा कि बिहार में नेता पार्टी बदल लेते हैं, लेकिन उनका काम करने का तरीका नहीं बदलता। प्रशांत किशोर बिहार को एक नया रास्ता दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
जन सुराज अभियान में 6 प्रशासनिक अधिकारियों के जुड़ने के अवसर पर अभियान से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश मिश्रा ने कहा कि आज हमारे देश में दो विचारधाराएं प्रभावित हो रही हैं और दोनों ही विचारधाराएं आज 20-20 का मैच खेल रहे हैं। आज एक ऐसी विचारधारा है जो देश की 20 प्रतिशत अगड़े और स्वर्ण जिसे कहा जाता है उनको अलग कर 80 प्रतिशत बाकी लोगों को संगठित कर राजनीति के द्वारा शासन करने का प्रयास कर रहे हैं और उसका प्रतिफल हमे समाज में प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। दूसरी विचारधारा है जो 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक समाज की आबादी को अलग कर 80 प्रतिशत हिंदू आबादी को संगठित कर शासन व्यवस्था चलाने का प्रयास कर रहे हैं, यह दोनों विचारधारा से जुड़ी पार्टियां इसी आधार पर शासन कर रही है। जन सुराज का मतलब है कि 100 प्रतिशत जनसंख्या को साथ लेकर चलने के लिए जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प व साथ ही प्रजातांत्रिक मूल्यों की पुनः स्थापना की जाए। जन सुराज अभियान में जुड़ने वाले 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों का विवरण:-
अजय कुमार द्विवेदी (पश्चिम चंपारण) – सेवानिवृत विशेष सचिव, कैबिनेट, बिहार सरकार।
अरविंद कुमार सिंह (भोजपुर) – सेवानिवृत सचिव, पूर्व जिलाधिकारी (कैमूर एवं पूर्णिया)।
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