विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत युवाओं का देश है। कहा जा रहा है कि युवाओं के दम पर अगले कुछ सालों में भारत दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन सकता है, लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर दौड़ने का विचार कर रहा है, वह दुर्भाग्य से दिन पर दिन नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। और इसके लिए जिम्मेदार हैं ड्रग्स के तस्कर। सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया के कोने-कोने तक दिनदहाड़े ब्राउन शुगर नशे की जड़ें मजबूत होती जा रही है, नशे की जड़ इतनी ज्यादा मजबूत हो गई है, कि चोरी छिपे बिकने वाला ब्राउन शुगर अब दिन के उजाले में यहाँ के युवाओं को नशे में डुबाने के लिए तैयार है। सबसे अधिक 16 से 35 साल के युवा नशे के कारण बर्बाद हो रहे हैं। गलगलिया का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा, जहां पुलिस की नाक के नीचे यह धंधा पनप नहीं रहा हो। सबकुछ जानकर भी पुलिस की निगाह सौदागरों तक नहीं जा रही है। ड्रग स्मगलर नए-नए हथकंडे़ अपना कर युवा पीढ़ी की सांसों में नशीला धुआं घोल रहे हैं। हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधि के बार बार कहने पर गलगलिया पुलिस द्वारा हाल ही में एक दो कार्रवाई कर नशीले पदार्थों की धरपकड़ के साथ – साथ इनमें संलिप्त लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है, लेकिन देखने में आया है कि कार्रवाही के बाद पुलिस फिर कुछ दिनों तक नरम पड़ जाती है। स्थानीय लोगों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस की इसी नरमी व शिथिलता का नतीजा यह होता है कि नशे का कारोबार और साम्राज्य पहले से और कई गुना ज्यादा बड़ा हो जाता है। जिसका उदाहरण गलगलिया के लकड़ी डिपू, दरभंगिया टोला, तोड़ीपट्टी व अन्य क्षेत्रों में देखा जा सकता है। लोगों ने कहा कि इस गतिविधि का कई सारा सीसीटीवी फुटेज व गुप्त तरीके से बनाई गई वीडियो भी उनके पास मौजूद है। वहीं इस कारोबार के मुख्य सरगना को छोड़ गलगलिया पुलिस छोटे-मोटे मामले पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा रही है, और यहां नशे के कारोबारियों का नेटवर्क खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
मौन संरक्षण से सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशे का कारोबार
सूबे की सरकार भले ही अवैध कारोबारियों पर अपना चाबुक चलाने के कितने भी दावे क्यों न कर ले लेकिन असल ज़मीनी हकीकत इसके कुछ उलट ही है। हैरत की बात तो यह है कि इन अवैध कारोबारियों पर नकैल कसने की जिम्मेदारी नीतीश सरकार की जिस पुलिस के कंधों पर है उन कंधों को मौन संरक्षण के कारण ही सीमावर्ती क्षेत्र में नशे का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है तभी तो खुलेआम बिक रही ब्राउन शुगर और उनके कारोबारियों पर लगाम नहीं लग पा रही है।