द वाइन ग्रुप में इन्वेस्ट कर, 45 दिनों में करोड़पति बनने के चक्कर में लोग हुए कंगाल, दिन कमाने रात खाने वाले से लेकर पत्रकार, रेलकर्मी, शिक्षक भी हुए इसका शिकार।
बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। आपने एक फिल्म ‘हेरा फेरी’ देखी होगी, जिसमें पैसा डबल करने की कहानी सुनी होगी। ऐसा ही कुछ हुआ है ठाकुरगंज के युवाओं, शिक्षकों, पत्रकारों, रेलकर्मियों, और ना जाने कितने लोगों के साथ। 45 दोनों में पैसा डबल करने का झांसा देकर, करोड़ों रुपए का चूना लगाकर रफूचक्कर हो गए। जी हां आप जो सुन रहे हैं सही सुन रहे हैं। आपने यह बात सुनी ही होगी “अगर कुछ बहुत अच्छा लगता है, तो शायद यह सच नहीं है”। यह बात पिरामिड व्यापार में सत्य साबित हो रही है। इसी तरह के एक मामले में द वाइन ग्रुप के जरिये पिरामिड व्यापर कर पिछले छह माह से व्हाट्सअप ग्रुप के जरीय लोगो को घर बैठे करोडपति बनाने का ख़्वाब दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामला द वाइन ग्रुप से जुडा है, पहले व्हाट्सअप ग्रुप फिर एप्प के ज़रिए लोगों को लालच दिया जाता था कि उनके पैसों को 45 दिनों में डबल कर दिया जाएगा। ठाकुरगंज शहर के साथ ग्रामीण इलाके में कई लोग इनके झांसे में आ गए। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका चेंगमारी, गांधीनगर, जलेबियामोड़ पावरहाउस, लोधाबाड़ी झाला गाँव बताया जा रहा है। इस ग्रुप के झांसे में आए एक व्यक्ति ने बताया कि, केवल ठाकुरगंज और बगल के गांव से लगभग एक हजार लोगो ने इन्वेस्ट किया है और अच्छे से छानबिन हो तो राशि का आंकड़ा 10 करोड़ों से ऊपर का हो सकता है। जानकारों के अनुसार जो लोग नेटवर्क मार्केटिंग में पैसा लगाते हैं उनमें से 99% लोग अपना पैसा खो देते हैं। यानी मुश्किल से 1% लोग कुछ कमाते हैं। यही सब ठाकुरगंज में हुआ। इस मामले में ठाकुरगंज में पत्रकारों से लेकर रेलकर्मियों, शिक्षकों से लेकर आम दुकानदार, टोटो चालक से लेकर छोटे दुकानदार लगभग सभी इसकी चपेटे में आये हैं। जानकार बताते हैं कि इस मामले में कुछ मुख्य ग्राहकों के नाम ज्यादा चर्चित हो रहे हैं। आधा दर्जन ऐसे चेहरों से प्रभावित होकर ही बड़ी संख्या में लोग इधर आकर्षित हुए थे।
केस नम्बर 01: ऐसा ही एक मामला मोहन झा (पत्रकार) के साथ भी हुआ। मोहन बताते हैं कि उनके साथ 70 हजार रुपये की ठगी हुई। शुरू में अपने एक पत्रकार मित्र के दबाव में इस समूह में शामिल हुआ था। लाख रूपया इन्वेस्ट कर दिया और आज यह राशि मिलने की उम्मीद खत्म हो गई। दरअसल इस एप के ज़रिए लोगों को लालच दिया जाता था कि उनके पैसों को 20 दिनों में डबल कर दिया जाएगा। इसी झांसे में मोहन झा भी आ गए।
केस नंबर 02: राज कुमार गणेश एक ठेला लगाकर पावरहाउस में चाऊमिन बेचा करता है। जल्दी करोड़पति बनने के लालच में आकर लोधाबाड़ी के एक मित्र के झांसे में आ गया और उसने गोरव गुप्ता से परिचय करवाया और 27 अप्रेल को 470 रूपए इन्वेस्ट किया। रिटर्न अच्छा देख कर तीन दिन बाद ही 20 हज़ार रूपए और लगा दिए। इसका भी रिटर्न अच्छा आया और सुपर वाइन खरीदने का जब समय आया तो 6 लाख के लालच में 60 हजार लगा दिया बस मामला यहीं फंस गया और कम्पनी से निकासी बंद हो गई।
केस नंबर 03 ; इसी झांसे में रमेश कुमार ( रेल कर्मी ) आ गए, इस एप्प के जरिये रमेश कुमार को 1लाख 40 हज़ार रुपए का चुना लगा, पीड़ित रमेश बताते हैं कि एक साथी के प्रेसर में आकार वे इस ग्रुप से जुड़े। शुरुआत में 470 रुपए लगाया, प्रतिदिन 20 रूपया मिलने लगा इसके बाद लालच बढ़ा कुछ और पैसा लगाया वह भी जब मिल गया तो एक लाख चालीस हजार रुपया लगा दिया और 30 मई के बाद से कोई लेनदेन नहीं होने के कारण अब डर लगने लगा है की कहीं वह ठगा तो नहीं गया।
केस नंबर 04: कुछ इसी तरह की कहानी विवेक पासवान ( शिक्षक ) की है। अपने एक साथी शिक्षक के झांसे में आकार विवेक पासवान ने न सिर्फ लाखो रुपये लगाये हैं, बल्कि दर्जनों लोगो को योजना से जोड़ कर उन्हें भी कंगाल बनाने का काम किया है। जानकार बताते हैं की ये गैंग पहले तो लोगों का भरोसा जीतता था, फिर रिवार्ड, मंथली इनकम एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर रकम निवेश करवाते थे। इस घोटाले में केवल ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र से 10 हजार से ज्यादा निवेशकों का पैसा ट्रांसफर किया गया है।
इस तरह के बहुत से लोग हैं जो इसके शिकार हुए हैं। कुछ लोग तो इस शर्म से नहीं कह रहे हैं कि लोग क्या कहेंगे। सारस न्यूज़ टीम आप सभी से अपील करती है कि इस तरह के किसी भी जालसाजी या धोखाधड़ी के चंगुल में फंसने से बचें।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ किशनगंज।
बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। आपने एक फिल्म ‘हेरा फेरी’ देखी होगी, जिसमें पैसा डबल करने की कहानी सुनी होगी। ऐसा ही कुछ हुआ है ठाकुरगंज के युवाओं, शिक्षकों, पत्रकारों, रेलकर्मियों, और ना जाने कितने लोगों के साथ। 45 दोनों में पैसा डबल करने का झांसा देकर, करोड़ों रुपए का चूना लगाकर रफूचक्कर हो गए। जी हां आप जो सुन रहे हैं सही सुन रहे हैं। आपने यह बात सुनी ही होगी “अगर कुछ बहुत अच्छा लगता है, तो शायद यह सच नहीं है”। यह बात पिरामिड व्यापार में सत्य साबित हो रही है। इसी तरह के एक मामले में द वाइन ग्रुप के जरिये पिरामिड व्यापर कर पिछले छह माह से व्हाट्सअप ग्रुप के जरीय लोगो को घर बैठे करोडपति बनाने का ख़्वाब दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामला द वाइन ग्रुप से जुडा है, पहले व्हाट्सअप ग्रुप फिर एप्प के ज़रिए लोगों को लालच दिया जाता था कि उनके पैसों को 45 दिनों में डबल कर दिया जाएगा। ठाकुरगंज शहर के साथ ग्रामीण इलाके में कई लोग इनके झांसे में आ गए। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका चेंगमारी, गांधीनगर, जलेबियामोड़ पावरहाउस, लोधाबाड़ी झाला गाँव बताया जा रहा है। इस ग्रुप के झांसे में आए एक व्यक्ति ने बताया कि, केवल ठाकुरगंज और बगल के गांव से लगभग एक हजार लोगो ने इन्वेस्ट किया है और अच्छे से छानबिन हो तो राशि का आंकड़ा 10 करोड़ों से ऊपर का हो सकता है। जानकारों के अनुसार जो लोग नेटवर्क मार्केटिंग में पैसा लगाते हैं उनमें से 99% लोग अपना पैसा खो देते हैं। यानी मुश्किल से 1% लोग कुछ कमाते हैं। यही सब ठाकुरगंज में हुआ। इस मामले में ठाकुरगंज में पत्रकारों से लेकर रेलकर्मियों, शिक्षकों से लेकर आम दुकानदार, टोटो चालक से लेकर छोटे दुकानदार लगभग सभी इसकी चपेटे में आये हैं। जानकार बताते हैं कि इस मामले में कुछ मुख्य ग्राहकों के नाम ज्यादा चर्चित हो रहे हैं। आधा दर्जन ऐसे चेहरों से प्रभावित होकर ही बड़ी संख्या में लोग इधर आकर्षित हुए थे।
केस नम्बर 01: ऐसा ही एक मामला मोहन झा (पत्रकार) के साथ भी हुआ। मोहन बताते हैं कि उनके साथ 70 हजार रुपये की ठगी हुई। शुरू में अपने एक पत्रकार मित्र के दबाव में इस समूह में शामिल हुआ था। लाख रूपया इन्वेस्ट कर दिया और आज यह राशि मिलने की उम्मीद खत्म हो गई। दरअसल इस एप के ज़रिए लोगों को लालच दिया जाता था कि उनके पैसों को 20 दिनों में डबल कर दिया जाएगा। इसी झांसे में मोहन झा भी आ गए।
केस नंबर 02: राज कुमार गणेश एक ठेला लगाकर पावरहाउस में चाऊमिन बेचा करता है। जल्दी करोड़पति बनने के लालच में आकर लोधाबाड़ी के एक मित्र के झांसे में आ गया और उसने गोरव गुप्ता से परिचय करवाया और 27 अप्रेल को 470 रूपए इन्वेस्ट किया। रिटर्न अच्छा देख कर तीन दिन बाद ही 20 हज़ार रूपए और लगा दिए। इसका भी रिटर्न अच्छा आया और सुपर वाइन खरीदने का जब समय आया तो 6 लाख के लालच में 60 हजार लगा दिया बस मामला यहीं फंस गया और कम्पनी से निकासी बंद हो गई।
केस नंबर 03 ; इसी झांसे में रमेश कुमार ( रेल कर्मी ) आ गए, इस एप्प के जरिये रमेश कुमार को 1लाख 40 हज़ार रुपए का चुना लगा, पीड़ित रमेश बताते हैं कि एक साथी के प्रेसर में आकार वे इस ग्रुप से जुड़े। शुरुआत में 470 रुपए लगाया, प्रतिदिन 20 रूपया मिलने लगा इसके बाद लालच बढ़ा कुछ और पैसा लगाया वह भी जब मिल गया तो एक लाख चालीस हजार रुपया लगा दिया और 30 मई के बाद से कोई लेनदेन नहीं होने के कारण अब डर लगने लगा है की कहीं वह ठगा तो नहीं गया।
केस नंबर 04: कुछ इसी तरह की कहानी विवेक पासवान ( शिक्षक ) की है। अपने एक साथी शिक्षक के झांसे में आकार विवेक पासवान ने न सिर्फ लाखो रुपये लगाये हैं, बल्कि दर्जनों लोगो को योजना से जोड़ कर उन्हें भी कंगाल बनाने का काम किया है। जानकार बताते हैं की ये गैंग पहले तो लोगों का भरोसा जीतता था, फिर रिवार्ड, मंथली इनकम एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर रकम निवेश करवाते थे। इस घोटाले में केवल ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र से 10 हजार से ज्यादा निवेशकों का पैसा ट्रांसफर किया गया है।
इस तरह के बहुत से लोग हैं जो इसके शिकार हुए हैं। कुछ लोग तो इस शर्म से नहीं कह रहे हैं कि लोग क्या कहेंगे। सारस न्यूज़ टीम आप सभी से अपील करती है कि इस तरह के किसी भी जालसाजी या धोखाधड़ी के चंगुल में फंसने से बचें।