सोमवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर प्रखंड के कुकुरबाघी पंचायत के विहान संस्था और प्रेरणा युवा समूह द्वारा संयुक्त रूप से स्थानीय बच्चों के साथ रंगियाकोट से साहिबगंज गांव के बीच जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के दौरान बच्चों ने आधी रोटी खाएंगे फिर भी स्कूल जाएंगे, बंद करो बंद करो बाल मजदूरी बंद करो… ऐसे कई सारे बच्चों ने अपने हाथों में श्रम विरोधी लिखित स्लोगन के साथ लोगों को जागरूक किया। बच्चों से उनका बचपन नहीं छीनने की अपील करते हुए बच्चों ने बाल श्रम को रोकने की गुहार गांव के लोगों से की।
इस अवसर पर विहान संस्था के जिला परियोजना प्रमुख रणधीर कुमार ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है और जीवन में बच्चों के अफसरों का विस्तार करने में प्रत्येक समाज की जिम्मेदारी है। बाल मजदूरी ने मासूम बच्चों की मुस्कुराहट का पूरी तरह गला घोट दिया है। दरअसल इन बच्चों पर दुकान मालिकों या फिर होटल मालिकों द्वारा दबाव डालकर जबरन 15 से 20 घंटे काम करवाया जाता है जिससे इन मासूमों का ना सिर्फ शारीरिक विकास रुक जाता है बल्कि वह मानसिक सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी विकास नहीं कर पाते हैं जिसका खामियाजा उन्हें अपनी पूरी जिंदगी भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बाल मजदूरी भारतीय सांस्कृति की छवि को तो धूमिल कर रही है साथ ही देश के आर्थिक विकास में भी बाधा डाल रही है। अगर वक्त रहते बाल मजदूरी के बोझ तले दब रहे लाखों जिंदगीयों को नहीं बचाई गई तो आने वाले समय में इसका भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है। बाल मजदूरी पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है और हर व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे लाखों बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि किसी भी दुकान, प्रतिष्ठान या कल- कारखानों आदि में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर एवं किशोरियों से जोखिम वाला कार्य कराया जाना संज्ञेय एवं दंडनीय अपराध है। जिले में बाल मजदूरी, बाल तस्करी और मानव तस्करी के रोकथाम पर कार्य कर रहे विहान संस्था और उनके द्वारा बनाए गए प्रेरणा युवा समूह के सदस्यों ने रैली को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।
सारस न्यूज, किशनगंज।
सोमवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर प्रखंड के कुकुरबाघी पंचायत के विहान संस्था और प्रेरणा युवा समूह द्वारा संयुक्त रूप से स्थानीय बच्चों के साथ रंगियाकोट से साहिबगंज गांव के बीच जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के दौरान बच्चों ने आधी रोटी खाएंगे फिर भी स्कूल जाएंगे, बंद करो बंद करो बाल मजदूरी बंद करो… ऐसे कई सारे बच्चों ने अपने हाथों में श्रम विरोधी लिखित स्लोगन के साथ लोगों को जागरूक किया। बच्चों से उनका बचपन नहीं छीनने की अपील करते हुए बच्चों ने बाल श्रम को रोकने की गुहार गांव के लोगों से की।
इस अवसर पर विहान संस्था के जिला परियोजना प्रमुख रणधीर कुमार ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है और जीवन में बच्चों के अफसरों का विस्तार करने में प्रत्येक समाज की जिम्मेदारी है। बाल मजदूरी ने मासूम बच्चों की मुस्कुराहट का पूरी तरह गला घोट दिया है। दरअसल इन बच्चों पर दुकान मालिकों या फिर होटल मालिकों द्वारा दबाव डालकर जबरन 15 से 20 घंटे काम करवाया जाता है जिससे इन मासूमों का ना सिर्फ शारीरिक विकास रुक जाता है बल्कि वह मानसिक सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी विकास नहीं कर पाते हैं जिसका खामियाजा उन्हें अपनी पूरी जिंदगी भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बाल मजदूरी भारतीय सांस्कृति की छवि को तो धूमिल कर रही है साथ ही देश के आर्थिक विकास में भी बाधा डाल रही है। अगर वक्त रहते बाल मजदूरी के बोझ तले दब रहे लाखों जिंदगीयों को नहीं बचाई गई तो आने वाले समय में इसका भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है। बाल मजदूरी पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है और हर व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे लाखों बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि किसी भी दुकान, प्रतिष्ठान या कल- कारखानों आदि में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर एवं किशोरियों से जोखिम वाला कार्य कराया जाना संज्ञेय एवं दंडनीय अपराध है। जिले में बाल मजदूरी, बाल तस्करी और मानव तस्करी के रोकथाम पर कार्य कर रहे विहान संस्था और उनके द्वारा बनाए गए प्रेरणा युवा समूह के सदस्यों ने रैली को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।
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