गत कई दिनों से नेपाल के पर्वतीय क्षेत्रों एवं ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में भारी वर्षा के प्रखंड में बहने वाली महानंदा, मेची, चेंगा, कनकई आदि नदी उफनाई हुई है और लगातार जल स्तर बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र भारत – नेपाल बॉर्डर पर बहनेवाली मेची नदी में भी जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। मेची नदी में जल स्तर के बढ़ने के कारण इंडो – नेपाल बॉर्डर पर बने सीमा सड़क पर खतरा मंडरा रहा है। ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत चुरली पंचायत के कुर्लीकोट एवं खटखटी गांव के पास मेची नदी कटाव करते हुए बॉर्डर सड़क से मात्र 20 फिट की दूरी पर बह रही है। यदि समय रहते जिला प्रशासन द्वारा कटावरोधक कार्य नहीं कराए गए तो सड़क कभी भी मेची नदी के बलि चढ़ सकता है। खटखटी एवं कुर्लीकोट गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मेची नदी नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र बहते हुए बहुत ही वेग से बिहार के भातगांव पंचायत में प्रवेश करते हुए बक्सरभिट्टा, नेमुगुड़ी, नेगड़ाडुबा होते हुए चुरली पंचायत के कुर्लीकोट, खटखटी गांव होते प्रखंड क्षेत्र में बहती है। पिछले वर्ष मेची नदी बॉर्डर पर बने सीमा सड़क से करीब 200 फीट पश्चिम बह रही थी पर इस बार मेची नदी ने बुरी तरह नदी के तटीय भाग का कटाव करते हुए सड़क की तरफ बढ़ रही है। यदि कटाव का यही चाल रहा तो अगले 48 घंटे में नदी बॉर्डर रोड को अपने चपेट में ले लेगी। ग्रामीणों ने बताया कि यदि सीमा सड़क को नदी के कटाव से नहीं बचाया गया तो मेची नदी का पानी प्रखंड के दर्जनों गांवों में घुस जाएगा जिससे हजारों की आबादी बुरी तरह प्रभावित होगी।
वहीं प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र में बहने वाली महानंदा एवं चेंगा नदी में भी धीरे धीरे जल स्तर में वृद्धि हो रही है।चेंगा नदी के कटाव से पथरिया पंचायत के वार्ड नं 10 खुनियाभिट्टा गांव की कच्ची सड़क नदी में समा रही है। उक्त सड़क के कटाव होने से अब इस गांव के लोगों को प्रखंड आने के लिए अतिरिक्त 15 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। वहीं दूसरी ओर चेंगा नदी के कटाव के चपेट में आने से खुनियाभिट्टा गांव निवासी सोनी सिंह का दो घर नदी में विलीन हो चुका है और धीरे धीरे यह नदी खुनियाभिट्टा गांव की ओर बढ़ रही है। वहीं जिला परिषद क्षेत्र संख्या- 13 के जिप सदस्य प्रतिनिधि अहमद हुसैन ने बताया कि चेंगा नदी के कटाव से संबंधित जानकारी मेरे द्वारा अंचल एवं जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था। अंचल अधिकारी ओमप्रकाश भगत ने कटाव क्षेत्र का दौरा भी किया था पर कटाव निरोधक कार्य न होने के कारण आज गांव का दो घर नदी में विलीन हुआ। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब यह नदी 1500 आबादी वाले पुरे खुनियाभिट्टा गांव को अपने में समाहित कर लेगी। वहीं प्रखंड क्षेत्र में भारी बारिश से हजारों एकड़ भूमि में लगे अनानास पानी में डूबे हुए के फल को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
गत कई दिनों से नेपाल के पर्वतीय क्षेत्रों एवं ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में भारी वर्षा के प्रखंड में बहने वाली महानंदा, मेची, चेंगा, कनकई आदि नदी उफनाई हुई है और लगातार जल स्तर बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र भारत – नेपाल बॉर्डर पर बहनेवाली मेची नदी में भी जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। मेची नदी में जल स्तर के बढ़ने के कारण इंडो – नेपाल बॉर्डर पर बने सीमा सड़क पर खतरा मंडरा रहा है। ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत चुरली पंचायत के कुर्लीकोट एवं खटखटी गांव के पास मेची नदी कटाव करते हुए बॉर्डर सड़क से मात्र 20 फिट की दूरी पर बह रही है। यदि समय रहते जिला प्रशासन द्वारा कटावरोधक कार्य नहीं कराए गए तो सड़क कभी भी मेची नदी के बलि चढ़ सकता है। खटखटी एवं कुर्लीकोट गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मेची नदी नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र बहते हुए बहुत ही वेग से बिहार के भातगांव पंचायत में प्रवेश करते हुए बक्सरभिट्टा, नेमुगुड़ी, नेगड़ाडुबा होते हुए चुरली पंचायत के कुर्लीकोट, खटखटी गांव होते प्रखंड क्षेत्र में बहती है। पिछले वर्ष मेची नदी बॉर्डर पर बने सीमा सड़क से करीब 200 फीट पश्चिम बह रही थी पर इस बार मेची नदी ने बुरी तरह नदी के तटीय भाग का कटाव करते हुए सड़क की तरफ बढ़ रही है। यदि कटाव का यही चाल रहा तो अगले 48 घंटे में नदी बॉर्डर रोड को अपने चपेट में ले लेगी। ग्रामीणों ने बताया कि यदि सीमा सड़क को नदी के कटाव से नहीं बचाया गया तो मेची नदी का पानी प्रखंड के दर्जनों गांवों में घुस जाएगा जिससे हजारों की आबादी बुरी तरह प्रभावित होगी।
वहीं प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र में बहने वाली महानंदा एवं चेंगा नदी में भी धीरे धीरे जल स्तर में वृद्धि हो रही है।चेंगा नदी के कटाव से पथरिया पंचायत के वार्ड नं 10 खुनियाभिट्टा गांव की कच्ची सड़क नदी में समा रही है। उक्त सड़क के कटाव होने से अब इस गांव के लोगों को प्रखंड आने के लिए अतिरिक्त 15 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। वहीं दूसरी ओर चेंगा नदी के कटाव के चपेट में आने से खुनियाभिट्टा गांव निवासी सोनी सिंह का दो घर नदी में विलीन हो चुका है और धीरे धीरे यह नदी खुनियाभिट्टा गांव की ओर बढ़ रही है। वहीं जिला परिषद क्षेत्र संख्या- 13 के जिप सदस्य प्रतिनिधि अहमद हुसैन ने बताया कि चेंगा नदी के कटाव से संबंधित जानकारी मेरे द्वारा अंचल एवं जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था। अंचल अधिकारी ओमप्रकाश भगत ने कटाव क्षेत्र का दौरा भी किया था पर कटाव निरोधक कार्य न होने के कारण आज गांव का दो घर नदी में विलीन हुआ। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब यह नदी 1500 आबादी वाले पुरे खुनियाभिट्टा गांव को अपने में समाहित कर लेगी। वहीं प्रखंड क्षेत्र में भारी बारिश से हजारों एकड़ भूमि में लगे अनानास पानी में डूबे हुए के फल को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
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