शिक्षा विभाग का सेल्फी उपस्थिति ले व्हाट्सप्प ग्रुप में शेयर करना अमर्यादित, महिलाओं के निजता का होता है हनन: अनुपम ठाकुर, जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा भाजपा।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा सुधार के नाम पर सेल्फी उपस्थिति लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करना कहीं न कहीं महिलाओं की निजता एवं मानव अधिकार का हनन है। शिक्षा विभाग का यह तुगलकी फरमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि एक सप्ताह के अंदर महिलाओं की निजता हनन को रोकने हेतु बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस मामले में पुनर्विचार नहीं करता हैं तो भाजपा जिला महिला मोर्चा की टीम जिला पदाधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन एवं विद्यालय में जाकर सेल्फी उपस्थिति का विरोध दर्ज कराएगी। उक्त बातें भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनुपम ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।
अनुपम ठाकुर ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा सरकार के इस फैसले का विरोध करती है क्योंकि उन्हें डर है कि महिला शिक्षकों की तस्वीरें ऑनलाइन लीक हो सकती हैं और बाद में इनका दुरुपयोग किया जा सकता है। उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा में महिलाओं को नियोजित शिक्षक की नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने के कारण विद्यालयों में अधिकांश शिक्षक महिलाएँ हैं और शिक्षा विभाग उन्हें सेल्फी लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अटेंडेंस के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सेल्फी उपस्थिति का इस्तेमाल करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। यह उचित व व्यावहारिक नहीं है। महिला की निजता के हित में सरकार को इस फैसले की समीक्षा करनी चाहिए। अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज जिले में भी शिक्षा विभाग के द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है। घर की दहलीज के बाहर स्त्रियों के साथ रोज कहीं न कहीं कई दुर्घटनाएं होती रहती है और अपने फोटो के साथ सेल्फी साझा करना उनके मानव अधिकार का हनन है। इतना ही नहीं सरकारी विभाग में महिलाओं के लिए विशेष अवकाश को भी गोपनीय नहीं रखा जा रहा है। विशेष अवकाश गोपनीय होता है और विशेष अवकाश के आवेदिका को भी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से साझा करना एक गलत मनसा को प्रबल करती है। महिला मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने शिक्षा विभाग से आग्रह करते हुए कहती है कि महिलाओं के ऐसे मामलों को गुप्त रखा जाए एवं उपस्थिति पंजी को ही शेयर किया जाए न कि उपस्थिति सेल्फी को। व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो को शेयर करना महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता हैं। इसे रोका जाए अन्यथा महिला मोर्चा धरना प्रदर्शन कर इसका विरोध जताएगी।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा सुधार के नाम पर सेल्फी उपस्थिति लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करना कहीं न कहीं महिलाओं की निजता एवं मानव अधिकार का हनन है। शिक्षा विभाग का यह तुगलकी फरमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि एक सप्ताह के अंदर महिलाओं की निजता हनन को रोकने हेतु बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस मामले में पुनर्विचार नहीं करता हैं तो भाजपा जिला महिला मोर्चा की टीम जिला पदाधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन एवं विद्यालय में जाकर सेल्फी उपस्थिति का विरोध दर्ज कराएगी। उक्त बातें भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनुपम ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।
अनुपम ठाकुर ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा सरकार के इस फैसले का विरोध करती है क्योंकि उन्हें डर है कि महिला शिक्षकों की तस्वीरें ऑनलाइन लीक हो सकती हैं और बाद में इनका दुरुपयोग किया जा सकता है। उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा में महिलाओं को नियोजित शिक्षक की नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने के कारण विद्यालयों में अधिकांश शिक्षक महिलाएँ हैं और शिक्षा विभाग उन्हें सेल्फी लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अटेंडेंस के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सेल्फी उपस्थिति का इस्तेमाल करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। यह उचित व व्यावहारिक नहीं है। महिला की निजता के हित में सरकार को इस फैसले की समीक्षा करनी चाहिए। अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज जिले में भी शिक्षा विभाग के द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है। घर की दहलीज के बाहर स्त्रियों के साथ रोज कहीं न कहीं कई दुर्घटनाएं होती रहती है और अपने फोटो के साथ सेल्फी साझा करना उनके मानव अधिकार का हनन है। इतना ही नहीं सरकारी विभाग में महिलाओं के लिए विशेष अवकाश को भी गोपनीय नहीं रखा जा रहा है। विशेष अवकाश गोपनीय होता है और विशेष अवकाश के आवेदिका को भी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से साझा करना एक गलत मनसा को प्रबल करती है। महिला मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने शिक्षा विभाग से आग्रह करते हुए कहती है कि महिलाओं के ऐसे मामलों को गुप्त रखा जाए एवं उपस्थिति पंजी को ही शेयर किया जाए न कि उपस्थिति सेल्फी को। व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो को शेयर करना महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता हैं। इसे रोका जाए अन्यथा महिला मोर्चा धरना प्रदर्शन कर इसका विरोध जताएगी।
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