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पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने प्रस्तावित दो नए एसएसबी बटालियन मे से एक बटालियन को की गलगलिया में स्थापित करने की मांग, डीजी को लिखा पत्र।

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।

किशनगंज:-ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने सशस्त्र बल का डीजी रश्मि शुक्ला को पत्र लिखकर राष्ट्र सुरक्षा के दृष्टिकोण से सिलीगुड़ी कॉरीडोर मे प्रस्तावित दो नए एसएसबी बटालियन मे से एक बटालियन को गलगलिया में स्थापित करने की मांग की है। पूर्व विधायक ने पत्र में बताया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सिलीगुड़ी कॉरीडोर में राष्ट्र सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिन दो नए एसएसबी बटालियन की स्थापना का प्रस्ताव लिया गया है। उसमे से एक बटालियन के स्थापना हेतु पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला अर्न्तगत गयागंगा चाय बगान के पास जमीन चिन्हित कर ली गई है एवं दुसरे बटालियन हेतु सिलीगुड़ी के इर्द-गिर्द जमीन की खोज सरकार द्वारा की जा रही है।

उन्होंने एसएसबी के डीजी रश्मि शुक्ला से मांग करते हुए कहा है कि बिहार प्रांत के आखरी छोड़ नेपाल एवं पश्चिम बंगाल की सीमा पर अवस्थित गलगलिया बाजार जिसकी दूरी सिलीगुड़ी से ना केवल 45 किलोमीटर है बल्कि इसे चिकन नेक की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। अपने पत्र के माध्यम से पूर्व विधायक ने बताया कि आज से कुछ माह पहले इसी बॉर्डर पर पाकिस्तानी मूल की अमेरिकन नागरिक महिला फरीदा मल्लिक की गिरफ्तारी एसएसबी द्वारा की गई थी एवं पूर्व मे भी कई विदेशी नागरिको को अनाधिकृत रूप से प्रवेश करते हुए पकड़ा गया है। गलगलिया एवं भद्रपुर (नेपाल) की सीमा पर बने नये मेची पुल के कारण गलगलिया इण्डो- नेपाल बॉर्डर बहुत जल्द आईसीपी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में गलगलिया के अगल-बगल तीव्रता से हो रहे उद्योगगिक विकास को देखते हुए रेल मंत्रालय ने गलगलिया रेलवे स्टेशन को रेक पॉइन्ट हेतु विकसित करने के लिए बड़ी राशि का आवंटन किया है, और आने वाले समय में इसके ड्राइपोर्ट के रूप मे विकसित होने की पूर्ण संभावना है। गलगलिया बॉडर से नेपाल भद्रपुर (चन्द्रगोडी) एयरपोर्ट की दूरी मात्र 7 किलोमीटर है जो काठमाण्डुएयरपोर्ट के माध्यम से बहुत से इन्टरनेशनल देशो से जुड़ा है।गलगलिया से सटे हुए इलाके मवेशी तस्करी (पशु) तस्करों का केन्द्र बिन्दु रहा है। गलगलिया बॉडर नारकोटिक्स तस्करी का केन्द्र बिन्दु के रूप में भी जाना जाता है। पूर्व मे एसएसबी द्वारा कई बार नार्कोटिक्स तस्करों को इस बॉडर पर पकड़ा गया है।

गलगलिया नेपाल सीमा से बंगलादेश की हवाई दूरी बंगाल के रामगज चोपड़ा होते हुए लगभग 22 से 25 किलोमीटर है जो इस सिलीगुड़ी कॉरीडोर का सबसे संवेदनशील एवं इस चिकन नेक का सबसे सकड़ा ( नैरो) कॉरीडोर है। गलगलिया होकर ना केवल मुख्य रेल लाईन एवं 327 E फोर-लेन गुजर रही है बल्कि गोरखपुर-सिलीगुडी प्रस्तावित सिक्स लेन सड़क भी इसी होकर गुजरेगी। गलगलिया बॉडर एक ओर नेपाल दूसरी ओर बिहार और तीसरी ओर बंगाल की सीमा पर अवस्थित है। किशनगंज जिला की डेमोग्राफीक प्रोफाइल को देखा जाए तो यह जिला 70 प्रतिशत अल्पसंख्यक बहुल्य है। सिलीगुड़ी कॉरीडोर का सबसे महत्वपुर्ण एरिया गलगलिया (ठाकुरगंज प्रखण्ड) इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि सरजिल इमान ने इसी को काटने की बात यह कहते हुए कहा था कि वहां संख्या में हम ज्यादा है। जस्टिस सच्चर कमीशन की रिपोर्ट कहती है कि किशनगंज जिला खासकर किशनगंज का शरहदी क्षेत्र देश का सबसे गरीब एवं अशिक्षित क्षेत्र है। ऐसे में यहां के लोगो को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़े रखना अत्यन्त आवश्यक है। निम्न बिन्दुओ को संज्ञान में लेते हुए प्रस्तावित दूसरे बटेलियन की स्थापना राष्ट्र हित एवं राष्ट्र सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गलगलिया में स्थापित करने हेतु निर्देशित करने की की मांग पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने सशस्त्र सीमा बल के डीजी रश्मि शुक्ला से की है व प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय, केन्द्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, सुरक्षा सलाहकार भारत सरकार अजित डोभाल, रानीडांगा आईजी एवं डीआईजी को भी प्रतिलिपि भेजा गया है।

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