सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड के उप प्रमुख और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ठाकुरगंज द्वारा पंचायत समिति अधिकार एवं दायित्व नियमावली का उल्लंघन कर स्वेछाचारिता को प्राथमिकता देने को ले प्रखंड के 10 पंचायत समिति सदस्यों ने राज्य के मुख्यमंत्री, पंचायती राज विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव सहित जिला पंचायती राज पदाधिकारी किशनगंज से शिकायत की हैं। पंचायत समिति सदस्य मो अजमल सानी, साइस्ता नाज, मो नूर, राजेश कुमार दास, नुर आलम, राजिया सुल्ताना अंसारी, राधा देवी, नुरी बेगम आदि ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत समिति विकास योजना (बीपीडीपी) अन्तर्गत कार्य योजना के स्वीकृति में बदलाव किया गया है। गत 27 जून 2023 को प्रमुख, पंचायत समिति ठाकुरगंज की अध्यक्षता में पंचायत समिति, ठाकुरगंज की बैठक हुई थी। उक्त बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार सभी सदस्यों से उक्त योजना अतर्गत क्षेत्रवार कार्ययोजना प्रस्ताव कार्यालय, पंचायत समिति के अधिकृत लिपिक को दिनांक 29 जून 2023 तक प्राप्त किया जाना था। इसी निर्णयालोक में सभी सदस्यों ने अपना- अपना कार्य योजना व प्रस्ताव संबंधित लिपिक को ससमय हस्तगत करवाया गया। संग्रहित कार्य योजना प्रस्तावों के आलोक में दिनांक 30 जून 2023 को प्रमुख पंचायत समिति के हस्ताक्षर से चयनित कार्य योजना प्रस्तावों की सूची कार्यपालक पदाधिकारी, पंचायत समिति ठाकुरगंज सह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ठाकुरगंज के कार्यालय में समर्पित किया गया। इसके उपरान्त संबंधित अधिकारी के संरक्षण में उप प्रमुख आरफिन हुसैन ने सभी से अपने अपने कार्य योजना प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए प्रति सदस्य 20,000 रुपए (बीस हजार) की मांग की जिसका सभी ने खुलकर विरोध किया।
सदस्यों ने बताया कि जब इस अवैध मांग का विरोध करने पर उप प्रमुख से सांठ – गांठ कर प्रखंड प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्तावों की सूची को नजरअंदाज कर नये सिरे से उप प्रमुख के हस्ताक्षरित सूची को स्वीकृति प्रदान कर सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर लिया गया। सभी ने बताया कि इस क्रम में हम सभी सदस्यों में से अतिपिछड़ा वर्ग की दो महिला तथा दो पुरुष सदस्यों सहित कुल 10 सदस्यों के कार्य योजनाओं व प्रस्तावों को नजर अंदाज किया गया जो उक्त अधिकारी के स्वेच्छाचारिता और सामाजिक व लैंगिक भेदभाव को परिलक्षित करता है। वहीं पंचायत समिति सदस्यों ने उप प्रमुख और कार्यपालक पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से चयनित कार्ययोजना व प्रस्तावों की सूची को रद्द कर नियमानुकूल पारदर्शी तरीके से कार्ययोजना प्रस्तावों की सूची नए सिरे से तय करने की मांग की हैं।
