देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, बहादुरगंज।
टेढ़ागाछ प्रखंड के चिल्हनियाँ पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 14 के उत्तरवाहिनी संथाल टोला देवरी में रेतुआ नदी के भीषण कटाव के कारण विगत 2020 में 09 परिवारों का घर नदी में कट कर विलीन हो गया था। तीन साल बाद भी विस्थापित पीड़ित परिवारों को क्षति आपूर्ति व मुआवजे की राशि नहीं मिली है।
ज्ञात हो कि विगत 12 जुलाई 2020 को रेतुआ नदी में आई भीषण बाढ़ से गाँव में बाढ़ का पानी घुस गया था और गाँववासी चारों तरफ पानी से घिर गए थे। जिसके कारण कहीं से किसी की मदद की उम्मीद भी नहीं थी। गाँव में एक टूटी पुरानी नाव थी। जिससे उन्हें अपनी जान बचाने में मदद मिलने की थोड़ी उम्मीद थी। जब रेतुआ नदी का जल स्तर घटने लगा तो उन्हें हिम्मत हुई, लेकिन उनका घर नदी के कटाव के चपेट में आ गया और देखते ही देखते 09 परिवारों का घर रेतुआ नदी में कट कर विलीन हो गया और वे बेघर हो गये। कटाव पीड़ितों में रूबी बास्की, सुनील सोरेन, सूरज राम, बाबूराम बास्की, नर बहादुर सिंह, मनिका मरांडी आदि शामिल है। जिसका पक्का मकान (इन्द्रा आवास) व अन्य कच्चा मकान रेतुआ नदी के कटाव में धाराशाही हो गया। पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई। बार-बार जनप्रतिनिधियों एवं अंचलाधिकारी से मिलकर सरकारी सहायता की मांग की लेकिन किसी ने अबतक मदद नहीं की। कटाव से विस्थापित पीड़ित परिवारों ने जिला पदाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है।