अग्निशमन टीम लगातार प्रखंड क्षेत्र के विद्यालय में जाकर लोगों को गैस से आग लगने पर उससे कैसे निपटा जाए इसकी जानकारी दे रही है। टीम गांव-गांव जाकर भी मॉक ड्रिल के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही है। इसी दौरान धवेली पंचायत स्थित मध्य विद्यालय शीशागाछी परिसर में शनिवार को शिक्षक, स्कूली बच्चे व रसोइया एवं अन्य महिलाओं को अग्निशमन विभाग के कर्मियों के द्वारा मॉक ड्रिल के जरिए आग पर काबू पाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। टेढ़ागाछ थाना में प्रतिनियुक्त अग्निशमन कर्मी त्रिशूल कुमार ने उपस्थित लोगों को विस्तार पूर्वक बताया कि आग लगने पर उन्हें क्या करना चाहिए तथा रास्ते में अग्निशमन वाहन को देखने पर उनका क्या व्यवहार होना चाहिए। इस मौके पर काफी संख्या में महिलाएं व स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहें। अग्निशमन कर्मी त्रिशूल कुमार ने बताया कि जिस जगह पर आग लगने की आशंका हो वहां बाल्टी में पानी व मग और सूती कपड़ा का गमछा तथा बालू मौजूद रहने पर आग की शुरुआत में ही उसे बुझाने में काफी मदद मिल सकती है। आग लगने पर लोगों को आग की प्रकृति का अवलोकन कर तत्काल उसे बुझाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि उसके फैल जाने पर उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है। आग लगने पर तुरंत उस पर बाल्टी व मग से पानी डाल दिया जाए या बालू डाल दिया जाए तो आग बुझ जाती है। रसोई गैस के सिलेंडर में आग लगने पर उसे सूती कपड़े के गमछे या चादर की मदद से बुझाया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीणों को क्या करना चाहिए इसकी जानकारी मॉक ड्रिल के जरिए दी गई। मॉक ड्रिल के दौरान कर्मी त्रिशूल कुमार ने रसोई गैस के सिलेंडर में आग लगाकर सूती कपड़े के गमछे के जरिए खुद काबू पाकर महिलाओं को यह तरकीब सिखाई। फिर अन्य महिलाओं द्वारा भी गैस सिलेंडर में लगी आग पर कम्बल व बाल्टी के माध्यम से आग पर काबू पाया गया। अग्निशमन कर्मी ने कहा कि जब खुद आग बुझाना संभव न हो तो तत्काल अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए। मार्ग में अग्निशमन वाहन को गुजरते देखकर प्राथमिकता के आधार पर उसे रास्ता देना चाहिए। अग्निशमन वाहन तभी निकलता है जब कहीं आग लगती है। इसलिए उसके लिए रास्ता छोड़ने में अन्य वाहनों के अपेक्षा अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि समय पर अग्निशमन वाहन के पहुंचने पर जान-माल को आग में नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इस मौके पर प्रधानाध्यापक तारा देवी सहित सभी शिक्षकगण, स्कूली बच्चे, रसोईया व अन्य लोगों मौजूद थे।
सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
अग्निशमन टीम लगातार प्रखंड क्षेत्र के विद्यालय में जाकर लोगों को गैस से आग लगने पर उससे कैसे निपटा जाए इसकी जानकारी दे रही है। टीम गांव-गांव जाकर भी मॉक ड्रिल के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही है। इसी दौरान धवेली पंचायत स्थित मध्य विद्यालय शीशागाछी परिसर में शनिवार को शिक्षक, स्कूली बच्चे व रसोइया एवं अन्य महिलाओं को अग्निशमन विभाग के कर्मियों के द्वारा मॉक ड्रिल के जरिए आग पर काबू पाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। टेढ़ागाछ थाना में प्रतिनियुक्त अग्निशमन कर्मी त्रिशूल कुमार ने उपस्थित लोगों को विस्तार पूर्वक बताया कि आग लगने पर उन्हें क्या करना चाहिए तथा रास्ते में अग्निशमन वाहन को देखने पर उनका क्या व्यवहार होना चाहिए। इस मौके पर काफी संख्या में महिलाएं व स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहें। अग्निशमन कर्मी त्रिशूल कुमार ने बताया कि जिस जगह पर आग लगने की आशंका हो वहां बाल्टी में पानी व मग और सूती कपड़ा का गमछा तथा बालू मौजूद रहने पर आग की शुरुआत में ही उसे बुझाने में काफी मदद मिल सकती है। आग लगने पर लोगों को आग की प्रकृति का अवलोकन कर तत्काल उसे बुझाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि उसके फैल जाने पर उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है। आग लगने पर तुरंत उस पर बाल्टी व मग से पानी डाल दिया जाए या बालू डाल दिया जाए तो आग बुझ जाती है। रसोई गैस के सिलेंडर में आग लगने पर उसे सूती कपड़े के गमछे या चादर की मदद से बुझाया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीणों को क्या करना चाहिए इसकी जानकारी मॉक ड्रिल के जरिए दी गई। मॉक ड्रिल के दौरान कर्मी त्रिशूल कुमार ने रसोई गैस के सिलेंडर में आग लगाकर सूती कपड़े के गमछे के जरिए खुद काबू पाकर महिलाओं को यह तरकीब सिखाई। फिर अन्य महिलाओं द्वारा भी गैस सिलेंडर में लगी आग पर कम्बल व बाल्टी के माध्यम से आग पर काबू पाया गया। अग्निशमन कर्मी ने कहा कि जब खुद आग बुझाना संभव न हो तो तत्काल अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए। मार्ग में अग्निशमन वाहन को गुजरते देखकर प्राथमिकता के आधार पर उसे रास्ता देना चाहिए। अग्निशमन वाहन तभी निकलता है जब कहीं आग लगती है। इसलिए उसके लिए रास्ता छोड़ने में अन्य वाहनों के अपेक्षा अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि समय पर अग्निशमन वाहन के पहुंचने पर जान-माल को आग में नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इस मौके पर प्रधानाध्यापक तारा देवी सहित सभी शिक्षकगण, स्कूली बच्चे, रसोईया व अन्य लोगों मौजूद थे।
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