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आईएनडीआईए हो या एनडीए, 26 का दल हो या 27 का, दो तिहाई दलों के जीरो हैं एमपी, साथ बैठकर संख्या गिनाने से राष्ट्रीय राजनीति पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क: प्रशांत किशोर।

सारस न्यूज, किशनगंज।


जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आईएनडीआईए और एनडीए गुट की पोल खोलते हुए कहा कि आईएनडीआईए और एनडीए में दोनों साइड देखिए 26 से 27 दल बैठते हैं। उसमें भी दो तिहाई दल ऐसे हैं जिनके एक भी सांसद नहीं हैं। ये तो संख्या गिनाने के लिए दलों की परिपाटी है और कर्मकांड है कि भैया सबको बैठा लीजिए। 0इसका बिल्कुल मतलब नहीं है कि ये राष्ट्रीय राजनीति को उलट-पलट कर देंगे। बिहार का जहां तक सवाल है 10 बरस से एनडीए की सरकार है। 10 बरस पहले भी बिहार देश का 28वां सबसे गरीब राज्य था और आज भी है।
नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के सपने पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश के पास 42 विधायक हैं और 16 एमपी हैं जो पिछले गठबंधन में वो जीते थे। इस बार कितना जीतेंगे ये बिहार के लोगों को हमसे बेहतर मालूम है। जब आपकी ताकत नहीं है, आपके 10 सांसद नहीं हैं तो आप देश की राजनीति में कोई भूमिका अदा नहीं कर सकते हैं।


महागठबंधन का राष्ट्रीय राजनीति पर नहीं होगा कोई असर : प्रशांत किशोर।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जिस दिन महागठबंधन बिहार में बना उस दिन मैंने ये बात कही की ये बिहार का मामला है इससे देश स्तर पर या राष्ट्रीय राजनीतिक में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। आरजेडी के जीरो एमपी बिहार में हैं और अब आप सभी मान रहे हैं कि आरजेडी बहुत मजबूत दल है कि ये लोग डिसाइड कर सकते हैं। जिस दल के पास जीरो एमपी है वो तय करेगा कि देश कौन चलाएगा?

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