जिले में मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का पहला चरण आगामी सोमवार 11 सितम्बर से शुरू होगा। नियमित टीकाकरण को गति देने एवं वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी। इस अभियान की सफलता को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। इसी क्रम में कार्यक्रम की सफलता के लिए शनिवार को जिला प्रतिरक्षण कार्यलय में मिडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि अभियान के सफल संचालन को लेकर क्षेत्र में सघन जागरूकता अभियान संचालित करने में जनजागरूकता के लिए मिडिया से आवश्यक सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री एवं सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के दिशा निर्देश में मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। कहा कि सत्रवार सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की ड्यू लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। प्रखंडवार अभियान की शुरुआत संबंधित बीडीओ, सीडीपीओ व अन्य प्रखंडस्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी की जानी है। हर स्तर पर अभियान के निगरानी व अनुश्रवण के लिये कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सेशनवार सभी जरूरी लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व टीकाकरण सत्रों की साज-सज्जा को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
मिशन इंद्रधनुष 7 बीमारियों से बचाने में सहायक- मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रुबैला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
कुल 843 स्थानों पर टीकाकरण सत्र होंगे संचालित : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को ले केंद्र सरकार के स्तर से जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं। यु–विन पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण अभियान संचालित किया जायेगा। जिले के सातों प्रखंड में कुल 843 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत कुल 10744 बच्चों एवं 2156 गर्भवती माता के टीकाकरण का लक्ष्य है। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु 280 एएनएम, 1518 आशा एवं 1744 आंगनबाड़ी सेविका का सहयोग लिया जायेगा। साथ ही जीविका दीदी, शिक्षा विभाग एवं जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जायेगा। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति की जा सके।
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसमें सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है। मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष 5.0 के तहत जिला भर में पहला चक्र 11 से 16 सितंबर, दूसरा चरण 09 से 14 अक्टूबर व तीसरा चरण 27 नवंबर 02 दिसंबर के बीच संचालित किया जाना है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत इसे 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले में मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का पहला चरण आगामी सोमवार 11 सितम्बर से शुरू होगा। नियमित टीकाकरण को गति देने एवं वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी। इस अभियान की सफलता को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। इसी क्रम में कार्यक्रम की सफलता के लिए शनिवार को जिला प्रतिरक्षण कार्यलय में मिडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि अभियान के सफल संचालन को लेकर क्षेत्र में सघन जागरूकता अभियान संचालित करने में जनजागरूकता के लिए मिडिया से आवश्यक सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री एवं सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के दिशा निर्देश में मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। कहा कि सत्रवार सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की ड्यू लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। प्रखंडवार अभियान की शुरुआत संबंधित बीडीओ, सीडीपीओ व अन्य प्रखंडस्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी की जानी है। हर स्तर पर अभियान के निगरानी व अनुश्रवण के लिये कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सेशनवार सभी जरूरी लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व टीकाकरण सत्रों की साज-सज्जा को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
मिशन इंद्रधनुष 7 बीमारियों से बचाने में सहायक- मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रुबैला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
कुल 843 स्थानों पर टीकाकरण सत्र होंगे संचालित : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को ले केंद्र सरकार के स्तर से जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं। यु–विन पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण अभियान संचालित किया जायेगा। जिले के सातों प्रखंड में कुल 843 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत कुल 10744 बच्चों एवं 2156 गर्भवती माता के टीकाकरण का लक्ष्य है। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु 280 एएनएम, 1518 आशा एवं 1744 आंगनबाड़ी सेविका का सहयोग लिया जायेगा। साथ ही जीविका दीदी, शिक्षा विभाग एवं जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जायेगा। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति की जा सके।
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसमें सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है। मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष 5.0 के तहत जिला भर में पहला चक्र 11 से 16 सितंबर, दूसरा चरण 09 से 14 अक्टूबर व तीसरा चरण 27 नवंबर 02 दिसंबर के बीच संचालित किया जाना है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत इसे 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।
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