हिंदी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को समाहरणालय सभागार में आयोजित संगोष्ठी – सह – निबंध लेखन प्रतियोगिताके प्रथम तीन उत्कृष्ट निबंध लेखन करने वाले कर्मियो को डीएम श्रीकांत शास्त्री ने डॉक्टर कलाम कृषि कॉलेज, अर्राबाड़ी में आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया।
बता दें कि हिंदी दिवस समारोह में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध लेखन का विषय राष्ट्रीय एकीकरण में हिंदी भाषा का महत्व रखा गया था। इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में लिपिक व प्रधान लिपिक के अतिरिक्त जिला स्तरीय कार्यालय के कई कर्मी ने भाग लिया था। सभी प्रतिभागियों को एक घंटा के अंदर 300 – 500 शब्दो में निबंध लेखन कर जमा करना था। प्राप्त निबंध का मूल्यांकन वरीय पदाधिकारी के स्तर के निर्णायक मंडल द्वारा किया गया। प्रथम स्थान पर डीआरडीए के जिला समन्वयक (एलएसबीए) संदीप कुमार मिश्रा, द्वितीय स्थान पर डीआरडीए के तकनीकी सहायक राजन मिश्रा और तीसरे स्थान पर अनुरंजन लिपिक समाहरणालय संवर्ग रहे। इन्हें प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर डीएम ने सम्मानित किया। उन्होंने प्रतियोगिता को प्रोत्साहन का तरीका बताया ताकि हिंदी लेखनी को बढ़ाया जा सके।
सारस न्यूज, किशनगंज।
हिंदी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को समाहरणालय सभागार में आयोजित संगोष्ठी – सह – निबंध लेखन प्रतियोगिताके प्रथम तीन उत्कृष्ट निबंध लेखन करने वाले कर्मियो को डीएम श्रीकांत शास्त्री ने डॉक्टर कलाम कृषि कॉलेज, अर्राबाड़ी में आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया।
बता दें कि हिंदी दिवस समारोह में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध लेखन का विषय राष्ट्रीय एकीकरण में हिंदी भाषा का महत्व रखा गया था। इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में लिपिक व प्रधान लिपिक के अतिरिक्त जिला स्तरीय कार्यालय के कई कर्मी ने भाग लिया था। सभी प्रतिभागियों को एक घंटा के अंदर 300 – 500 शब्दो में निबंध लेखन कर जमा करना था। प्राप्त निबंध का मूल्यांकन वरीय पदाधिकारी के स्तर के निर्णायक मंडल द्वारा किया गया। प्रथम स्थान पर डीआरडीए के जिला समन्वयक (एलएसबीए) संदीप कुमार मिश्रा, द्वितीय स्थान पर डीआरडीए के तकनीकी सहायक राजन मिश्रा और तीसरे स्थान पर अनुरंजन लिपिक समाहरणालय संवर्ग रहे। इन्हें प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर डीएम ने सम्मानित किया। उन्होंने प्रतियोगिता को प्रोत्साहन का तरीका बताया ताकि हिंदी लेखनी को बढ़ाया जा सके।
Leave a Reply