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अररिया -गलगलिया राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई पर बड़े वाहनों को प्रतिबंध लगाने से आम लोगों ने जताया विरोध, आक्रोशित लोगों ने अररिया जीरोमाइल में किया सड़क जाम।

सारस न्यूज, किशनगंज।

अररिया जीरो माइल से उत्तर पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल एवं नेपाल व भूटान देश को जोड़ने वाली अति महत्वपूर्ण सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 327ई पर बड़े वाहनों को प्रतिबंध लगाने से आम लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। स्थानीय लोगों व वाहन चालकों ने सड़क पर उतर कर निर्माण में लगे संवेदक और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। आवागमन की परेशानी झेल रहे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और आक्रोशित लोगों ने अररिया जीरोमाइल में विरोध प्रदर्शन किया।

लोगों ने जिला प्रशासन, संवेदक और जन प्रतिनिधि के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि जनता की समस्या से इन लोगों को कोई मतलब नहीं है। लोगों ने सीधे आरोप लगाया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से ये समस्या उत्पन्न की गई। लोगों ने कहा की पूर्णिया होते हुए सिलीगुड़ी जाने में कई टोल टैक्स है। इन्हीं टोल को लाभ दिलाने के लिए यहां के लोगों को परेशान किया जा रहा है। गैयारी और जीरो माइल के सैकड़ों लोगों ने कहा कि उनकी समस्या को लेकर प्रशासन और जन प्रतिनिधि संवेदनहीन बने हुए हैं। वाहनों के परिचालन पर रोक की वजह से जीरो माइल के पांच सौ से अधिक दुकानदार की रोजी रोटी पर आफत हो गई है। इस बैरकेडिंग से जिला मुख्यालय से चार प्रखंड का संपर्क भंग हो चुका है। पंचायत के सरपंच महबूब आलम, अब्दुल सुभान अब्दुल बारीक, मो. शमशाद आलम, इसराइल, संजीव कुमार मुमताज, गयास उद्दीन, अमजद आदि ने ब्रेकेटिंग के निकट विरोध प्रदर्शन करते हुए टायर जलाया और संवेदक, प्रशासन और सांसद विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं जाम की सूचना पर नगर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु सदल बल के साथ मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे लोगो को समझा बुझाकर शांत कराया और जाम हटाया। उन्होंने कहा कि वे लोगो की समस्याओं को वरीय पदाधिकारी के समक्ष रखेगे और निदान की दिशा में पहल की जाएगी। वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि 24 घंटे के अंदर इस सड़क को चालू नहीं किया तो जनहित में उग्र आंदोलन किया जाएगा। दरअसल अररिया-गलगलिया फोरलेन निर्माण से जहां एक ओर लोगों में खुशी व्याप्त है, वहीं दूसरी ओर संवेदक के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संवेदक अपने मनमानी तरीके से लोगों की समस्या को नजर अंदाज करते हुए काम कर रहा है। जीरो माइल के निकट पुल निर्माण कार्य चल रहा था बगल में डायवर्सन बनाया गया था। बाढ़ के समय यह डायवर्सन पानी मे बह गया। इसके बाद संवेदक द्वारा दोबारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई हैं। लोगों का कहना है कि नियमानुसार जहां भी पुल निर्माण किया जाता है आवागमन बाधित न हो इसके लिए बगल में डायवर्सन बनाए जाने का प्रावधान है।लेकिन यहां संवेदक आम लोगों के साथ ही वाहन चालकों की समस्या को दरकिनार गया है। जबकि इस बीच निर्माणाधीन पुल बनकर तैयार भी हो चुका है। लेकिन उस पुल को सीमेंट का ब्रेकेटिंग लगाकर बंद कर दिया गया है। इस वजह से उत्तर बिहार के लोगों का पूर्वोत्तर भारत और बंगाल से संपर्क टूट गया है। इसकी वजह से बस, ट्रक और छोटी-छोटी माल वाहक वाहनों के आवागमन पर रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पिछले छह माह से अति महत्वपूर्ण यह सड़क को बाधित कर लोगों को परेशान किया जा रहा है।

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