बच्चे और गर्भवती महिलाएं कराएं टीकाकरण, बीमारियों से होगा बचाव।
12 तरह की बीमारियों से बचाव को लेकर चल रहे मिशन इंद्रधनुष-5.0 अभियान के दूसरे चरण का शनिवार को आखिरी दिन है। अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण हो सके, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जोर लगा दिया है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक लाने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं। खुद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ. देवेन्द्र कुमार ने पूरे अभियान में जिले के सभी प्रखंडों में कई टीकाकरण केंद्रों का जायजा लिया और अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा। उन्होंने शुक्रवार को कोचाधामन एवं बहादुरगंज प्रखंड में कई केंद्रों का जायजा लिया। उनके साथ एससमसी यूनिसेफ के एजाज अफजल, बहादुरगंज बीसीएम प्रतिमा कुमारी भी मौजूद थीं । इस दौरान डीआईओ ने कई तरह के निर्देश दिए। डीआईओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सूची के अनुसार टीका दिया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के छूटे हुए बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक ला रही हैं। लोगों से भी मेरी अपील है कि शनिवार को अभियान का आखिरी दिन है। जिनके बच्चों को अब तक टीका नहीं लगाया जा सका है, वे अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर बच्चों को टीका लगवाएं। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से पहले चरण में हमलोगों ने लक्ष्य से अधिक लोगों का टीकाकरण किया, उसी तरह इस बार भी लक्ष्य से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो सकेगा। ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां सहित अन्य स्थानों पर सत्र संचालन को प्राथमिकता दी गयी है। इस अभियान में अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही जिलास्तरीय स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों के बीच प्रखंडों का विभाजन कर नियमित सघन अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है । प्रत्येक कार्य दिवस को संध्याकालीन बैठक कर कार्य प्रगति की समीक्षा की जा रही है ।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण जरूरीः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के लक्ष्यों की शत् प्रतिशत उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है। नियमित टीकाकरण से वंचित 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण से लाभान्वित करने के लिए 09 अक्टूबर से जिले में मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की गई है।सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 कार्यक्रम के तहत टीकाकरण के 100 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में चौथे दिन तक चयनित कुल लक्ष्य 5539 में 5882 बच्चों एवं 1712 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु निःशुल्क टीकाकरण किया गया है। अभियान की सफलता के लिये चिह्नित सत्र स्थानों पर घर- घर घूमकर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का सर्वे भी किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए जिले के सभी लाभार्थियों से कहना चाहता हूं कि जो नियमित टीकाकरण नहीं करा पाए हैं, वह अपने नजदीकी शिविर स्थलों पर जाकर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से टीका से छूटी हुई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जागरूक कर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा।
एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। मिशन इंद्रधनुष की कार्ययोजना के अनुरूप अयोजित किये गये सत्र स्थलों पर लक्षित लाभार्थियों को उनका टीका लगा या नहीं यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए पर्यवेक्षण कार्य जिले के सभी प्रखंडों में जिले के पदाधिकारी के अलावा प्रखंडों के स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, डब्ल्यूएचओ के एसएम्ओ एवं यूनिसेफ के एसएमसी, फील्ड मॉनिटर आदि द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा आरंभ किया गया टीकाकरण अभियान ऐसी कई बीमारियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए किया गया है। जिसमें बीमारियों के कारणों की कड़ी यानि चेन को तोड़ा जा सके। इसलिए टीकाकरण के परिणामों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
अभियान के दूसरे चरण का आज आखिरी दिन।
बच्चे और गर्भवती महिलाएं कराएं टीकाकरण, बीमारियों से होगा बचाव।
12 तरह की बीमारियों से बचाव को लेकर चल रहे मिशन इंद्रधनुष-5.0 अभियान के दूसरे चरण का शनिवार को आखिरी दिन है। अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण हो सके, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जोर लगा दिया है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक लाने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं। खुद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ. देवेन्द्र कुमार ने पूरे अभियान में जिले के सभी प्रखंडों में कई टीकाकरण केंद्रों का जायजा लिया और अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा। उन्होंने शुक्रवार को कोचाधामन एवं बहादुरगंज प्रखंड में कई केंद्रों का जायजा लिया। उनके साथ एससमसी यूनिसेफ के एजाज अफजल, बहादुरगंज बीसीएम प्रतिमा कुमारी भी मौजूद थीं । इस दौरान डीआईओ ने कई तरह के निर्देश दिए। डीआईओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सूची के अनुसार टीका दिया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के छूटे हुए बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक ला रही हैं। लोगों से भी मेरी अपील है कि शनिवार को अभियान का आखिरी दिन है। जिनके बच्चों को अब तक टीका नहीं लगाया जा सका है, वे अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर बच्चों को टीका लगवाएं। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से पहले चरण में हमलोगों ने लक्ष्य से अधिक लोगों का टीकाकरण किया, उसी तरह इस बार भी लक्ष्य से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो सकेगा। ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां सहित अन्य स्थानों पर सत्र संचालन को प्राथमिकता दी गयी है। इस अभियान में अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही जिलास्तरीय स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों के बीच प्रखंडों का विभाजन कर नियमित सघन अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है । प्रत्येक कार्य दिवस को संध्याकालीन बैठक कर कार्य प्रगति की समीक्षा की जा रही है ।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण जरूरीः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के लक्ष्यों की शत् प्रतिशत उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है। नियमित टीकाकरण से वंचित 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण से लाभान्वित करने के लिए 09 अक्टूबर से जिले में मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की गई है।सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 कार्यक्रम के तहत टीकाकरण के 100 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में चौथे दिन तक चयनित कुल लक्ष्य 5539 में 5882 बच्चों एवं 1712 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु निःशुल्क टीकाकरण किया गया है। अभियान की सफलता के लिये चिह्नित सत्र स्थानों पर घर- घर घूमकर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का सर्वे भी किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए जिले के सभी लाभार्थियों से कहना चाहता हूं कि जो नियमित टीकाकरण नहीं करा पाए हैं, वह अपने नजदीकी शिविर स्थलों पर जाकर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से टीका से छूटी हुई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जागरूक कर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा।
एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। मिशन इंद्रधनुष की कार्ययोजना के अनुरूप अयोजित किये गये सत्र स्थलों पर लक्षित लाभार्थियों को उनका टीका लगा या नहीं यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए पर्यवेक्षण कार्य जिले के सभी प्रखंडों में जिले के पदाधिकारी के अलावा प्रखंडों के स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, डब्ल्यूएचओ के एसएम्ओ एवं यूनिसेफ के एसएमसी, फील्ड मॉनिटर आदि द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा आरंभ किया गया टीकाकरण अभियान ऐसी कई बीमारियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए किया गया है। जिसमें बीमारियों के कारणों की कड़ी यानि चेन को तोड़ा जा सके। इसलिए टीकाकरण के परिणामों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये।
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