मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल से बिहार राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन का प्रतिनिधि मंडल अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर एमजी मेडिकल कॉलेज के प्रांगण में पहुंचकर मुलाकात कर अपनी 5 सूत्री मांग पत्र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार को सौंपा। मांग पत्र के माध्यम से अपनी पांच सूत्री मांगों में बताया कि बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त राशि 10,000 सुनिश्चित किया जाय। सुप्रीम कोर्ट का आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए।
केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमश: ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाय, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं होता है, तब तक सेविकाओं को 25,000 एवं सहायिकाओं को 18,000 प्रतिमाह मानदेय राशि दी जाय। योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाय एवं सेविका से पर्यवेक्षिका तथा सेविका एवं सहायिका को रिक्त सभी पदों पर अविलंब बहाली सुनिश्चित की जाय। 16.05.2017 एवं 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाय। वही इस दौरान मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगों को लेकर मिलने के लिए आए थे। आगामी 6 नवंबर से बिहार विधान मंडल का सत्र का शुरुआत हो रहा है। आंगनबाड़ी सेविका का जो मांग है कि इनका मानदेय ₹10000 निर्धारित किया जाए। इसके साथ-साथ उनका ग्रेच्युटी का भी लाभ दिया जाए। विरोधी दल के मुख्य सचेतक होने के नाते मैं इस पर ध्यान आकर्षण के माध्यम से सदन में इनकी आवाज को उठाऊंगा और आंगनबाड़ी सेविका के साथ जो कम वेतन देकर इनको प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। इनके भी बाल बच्चे, परिवार है। तो सरकार से बाध्य करूंगा कि इनकी मांगों को पूरा किया जाए। अगर सरकार इनकी मांग पर विचार नहीं करेगी तो विपक्ष विधानमंडल, विधानसभा, विधान परिषद सदन को नहीं चलने देगा और उनकी आवाज को उठाने का काम करेगा।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल से बिहार राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन का प्रतिनिधि मंडल अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर एमजी मेडिकल कॉलेज के प्रांगण में पहुंचकर मुलाकात कर अपनी 5 सूत्री मांग पत्र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार को सौंपा। मांग पत्र के माध्यम से अपनी पांच सूत्री मांगों में बताया कि बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त राशि 10,000 सुनिश्चित किया जाय। सुप्रीम कोर्ट का आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए।
केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमश: ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाय, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं होता है, तब तक सेविकाओं को 25,000 एवं सहायिकाओं को 18,000 प्रतिमाह मानदेय राशि दी जाय। योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाय एवं सेविका से पर्यवेक्षिका तथा सेविका एवं सहायिका को रिक्त सभी पदों पर अविलंब बहाली सुनिश्चित की जाय। 16.05.2017 एवं 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाय। वही इस दौरान मुख्य सचेतक डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगों को लेकर मिलने के लिए आए थे। आगामी 6 नवंबर से बिहार विधान मंडल का सत्र का शुरुआत हो रहा है। आंगनबाड़ी सेविका का जो मांग है कि इनका मानदेय ₹10000 निर्धारित किया जाए। इसके साथ-साथ उनका ग्रेच्युटी का भी लाभ दिया जाए। विरोधी दल के मुख्य सचेतक होने के नाते मैं इस पर ध्यान आकर्षण के माध्यम से सदन में इनकी आवाज को उठाऊंगा और आंगनबाड़ी सेविका के साथ जो कम वेतन देकर इनको प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। इनके भी बाल बच्चे, परिवार है। तो सरकार से बाध्य करूंगा कि इनकी मांगों को पूरा किया जाए। अगर सरकार इनकी मांग पर विचार नहीं करेगी तो विपक्ष विधानमंडल, विधानसभा, विधान परिषद सदन को नहीं चलने देगा और उनकी आवाज को उठाने का काम करेगा।
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