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जिले में धीरे-धीरे कम होने लगे हैं डेंगू के मामले, फिलहाल 1 एक्टिव केस- डेंगू से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार: जिलाधिकारी।

राहुल कुमार, किशनगंज।

जिले में डेंगू के मामलों में कमी जारी है। बढ़ती ठंड के साथ डेंगू के मामले में गिरावट देखी जा रही है। फिलहाल जिले में डेंगू के कुल 01 एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से बहुत जल्द इस पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सका है। डेंगू से संबंधित मामले में जिले में अब तक कुल 23 मरीज मिले हैं। जिसमें 22 मरीज पूरी तरह से सकुशल हो गए हैं। वहीं एक मरीज होम आइसोलेसन में इलाजरत है। अक्टूबर माह के अंत तक संक्रमण के प्रसार की संभावना बनी हुई है। लिहाजा लोगों को रोग से बचाव संबंधी उपायों पर गंभीरतापूर्वक अमल करने की जरूरत है। अभी भी विभागीय स्तर से डेंगू को लेकर सक्रियता जारी है। संक्रमण संबंधी किसी सूचना के बाद विभाग तत्काल प्रभावित इलाकों में फॉगिंग को प्राथमिकता दे रहा है ताकि संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके।

जिले में डेंगू मरीजों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में जारी है। अगस्त माह से अब तक 1590 कुल रैपिड एन्टिजन टेस्ट की गई है। जिले में डेंगू रोग के सत्यापन के लिए कुल 47  संदेहास्पद मरीजों का एलिजा टेस्ट किया गया है।

डेंगू से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया कि जिले में डेंगू के संभावित खतरों से निपटने और मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया है। विभागीय स्तर पर हरसंभव सकारात्मक पहल की जा रही है। डेंगू से जुड़ी हुई चुनौतियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। विभागीय स्तर से मरीजों की सेहत की निगरानी की जा रही है। इसके लिए सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष रूप से डेंगू वार्ड बनाया गया है। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

बढ़ती ठंड के साथ डेंगू के मामले स्वत: कम होंगे’ सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा निर्देश के आलोक में लगातार डेंगू की जांच एवं इलाज का लगातार अनुश्रवन किया जा रहा है। वहीँ अभी भी  डेंगू के प्रसार का खतरा बना हुआ है। लिहाजा लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। जैसे-जैसे जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा मरीजों की संख्या में गिरावट की संभावना उन्होंने व्यक्त की। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्रण को लेकर विभाग सक्रिय है। जांच व इलाज से जुड़े सभी जरूरी इंतजाम जिले में उपलब्ध हैं। इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है। डेंगू संबंधी जांच के लिए जरूरी किट सभी पीएचसी के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वहीं प्रभावित इलाकों में रोग के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से छिड़काव के लिए टेमिफोस दवा उपलब्ध कराई गई है। प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर छिड़काव का कार्य जारी है। मरीज के घर के 500 मीटर के दायरे में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। पहले की तुलना में अब नए मरीज काफी कम मिल रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय सक्रियता बरकरार है। संक्रमण की सूचना में प्रभावित इलाकों में फॉगिंग के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर अंजाम दिया जा रहा है। संक्रमित मरीज की सेहत पर समुचित नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ती ठंड के साथ डेंगू के मामले स्वत: कम होंगे।

जांच व इलाज का जिले में समुचित इंतजाम – सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि त्यौहार को देखते हुए डेंगू से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। इसके लिए सदर अस्पताल में 10, सहित सभी पीएचसी में दो बेड क्षमता वाला विशेष डेंगू वार्ड संचालित किया जा रहा है। जिले के  मेडिकल कॉलेज सह लायंस सेवा केंद्र में डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू के संभावित खतरों से निपटने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में जरूरी पहल की जा रही है। डेंगू के वैसे मरीज जिन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत हो उनके लिए मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है।

लक्षणों के आधार पर रोग की आसानी से पहचान संभव – जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम  ने बताया कि सामान्य लक्षणों के आधार पर डेंगू की पहचान आसान है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, बदन, सर व जोड़ों में दर्द , आंखों के पीछे दर्द, नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव, त्वचा पर लाल धब्बे व चकत्ते का निशान होने पर बिना समय नष्ट किए नजदीकी अस्पताल में समुचित जांच के बाद इलाज कराना जरूरी है।

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