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सीएचसी ठाकुरगंज से आरबीएसके के अंतर्गत जन्मजात 9 गूंगे – बहरे बच्चों को समुचित इलाज के लिए भेजा गया सदर अस्पताल।


सारस न्यूज किशनगंज।


मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज से प्रखंड के विभिन्न गांवों के जन्मजात नौ गूंगे-बहरे बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज भेजा गया। इन बच्चों का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत कराया जाएगा। इन बच्चों की खोज आरबीएसके की टीमों ने की थी। इन्हें 108 नंबर की एंबुलेंस से भेजा गया।
उक्त संबंध में जानकारी देते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड के बहादुरपुर (दुधौंटी) गांव के सबानुर (उम्र 3 वर्ष ) पिता मो एहसान, प्यारी बेगम (उम्र 2 वर्ष) पिता मो फेराजुद्दीन तथा मो समीर आलम (उम्र 5 वर्ष) पिता – मो अजबार आलम, गिधिनगोला (सखुआडाली) के जाया नाज (उम्र ढाई वर्ष) पिता – मो बबलू, मुकरी बस्ती (कनकपुर) के जिसान आलम (उम्र 4 वर्ष) पिता – मो सलीम, धापोडांगी (पथरिया) के मौसमी कुमारी (उम्र 3 वर्ष ) पिता – अर्जुन महतो, नूरीबस्ती के रोशन कुमार (उम्र 5 वर्ष) पिता – चरण कुमार गणेश, गांधीनगर के इकरा नाज (उम्र 6 वर्ष) पिता अख्तर अंसारी, दहनटोला (बरचौंदी) के पूर्वी कुमारी (उम्र 2 वर्ष) पिता – ऋत्विक कुमार गणेश
गूंगे-बहरे थे। इन सभी के माता-पिता व अभिभावक इलाज के लिए बहुत दिनों से परेशान घूम रहे थे। ब्लॉक स्तरीय आरबीएसके टीमों ने सर्वे के दौरान इन बच्चों की खोज की और इनके माता-पिता को योजना के बारे में बताकर निशुल्क इलाज के लिए प्रेरित किया। बच्चों के अभिभावकों की रजामंदी के बाद सभी को 108 नंबर की दो एंबुलेंस से सदर अस्पताल किशनगंज इलाज के लिए भेजा गया।
उन्होंने बताया कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत 0 से 19 साल तक के बच्चों व किशोर- किशोरियों को जन्मजात समेत हृदय, कुष्ठ और क्षय रोग संबंधी पचास तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है।
सीएचसी ठाकुरगंज के बीएचएम बसंत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना के अंतर्गत इन सभी नौ बच्चों की निशुल्क सर्जरी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सीधे इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम पहुंच जाते हैं और उनका इलाज में खर्च लग जाता है। जबकि आरबीएसके योजना के अंतर्गत सरकारी सदर अस्पताल में निशुल्क इलाज किया जाता है। लिहाजा जो भी माता-पिता अपने बच्चों का इलाज कराना चाहते हैं, वह आरबीएसके के माध्यम से पंजीकरण कराने के बाद ही बच्चों को इलाज के लिए भेजें ताकि उनका निशुल्क इलाज कराया जा सके। उन्होंने बताया कि डेफनेस (जन्मजात बहरापन) योजना के अंतर्गत पांच साल तक के बच्चों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है।
इस मौके पर ठाकुरगंज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रतिनियुक्त चिकित्सक डॉ संजय कुमार व डॉ कमल किशोर, एएनएम रश्मि कुमारी तथा फार्मासिस्ट संजीत कुमार, बीसीएम कौशल कुमार आदि सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजुद थे।

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