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नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई एवं स्टेट लेवल कोऑर्डिनेटिंग एजेंसी के द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

सारस न्यूज, किशनगंज।

बुधवार को नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई एवं स्टेट लेवल कोऑर्डिनेटिंग एजेंसी के द्वारा किशनगंज जिला के नेशनल हाई स्कूल एवं आदर्श जगन्नाथ मध्य विद्यालय के कक्षा 9-12 एवं कक्षा 6-8 के छात्र-छात्राओं के बीच नशा मुक्ति हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

स्टेट एजेंसी से आए सुशील शर्मा द्वारा बच्चों को खान पान में क्या चीजें लाभदायी हैं और क्या चीजें नुकसानदेह हैं, इसके माध्यम से तंबाकू तथा अन्य नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के बारे में सभी बच्चों से प्रश्नोत्तर के द्वारा अवगत कराया। उन्होंने बच्चों को बताया कि ऐसी कोई भी आदत जो आपको मजबूर कर दे, जिसके बिना आप जी नहीं पाएं उसको त्याग दें अन्यथा आपका और आपके पूरे परिवार का जीवन दुष्कर हो जायेगा। अगर आपको कोई नशे के लिए प्रेरित करे तो उसकी शिकायत 112 अथवा 1098 चाइल्डलाइन सेवाओं पर करें, अपने शिक्षकों से करें, अपने सच्चे मित्रों, अपने अभिभावक से करें, पर किसी प्रयोग के लिए नशे की तरफ कदम न बढ़ाएं। ऐसे प्रयोग ही आपकी आदत बनते हैं। बच्चों ने स्वयं बताया कि खैनी का नशा परिवारों, पड़ोस, मुहल्ले में आम बात है, बच्चों ने गांजा, स्मैक तक के इस्तेमाल की बात कही। इसपर श्री शर्मा ने इन नशों के मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए इनसे दूर रहने हेतु सभी को शपथ दिलाई।

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने कहा कि नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए बच्चे चोरी करने लग जाते हैं, अपने घर की संपत्ति को बेच देते हैं, यह अपने भविष्य का सौदा करने जैसा है। जिन बच्चों के लिए माता पिता बड़े सपने देखते हैं, बच्चों का नशा करना उन माता पिता का जीना दूभर कर देता है। अतः मिल के इस मानसिक रोग से लड़ें और संकल्प लें कि नशे से हमेशा दूर रहेंगे। साथ ही नशे की लत पड़ जाने वालों के बारे में सूचना भी देंगे। उन्होंने बताया कि बच्चों को नशे की सामग्री देने वाले व्यक्ति को 7 साल तक की सजा एवं 5 लाख के जुर्माने की सजा भी दी जा सकती है, इसके लिए नजदीकी थाने को शिकायत दर्ज की जा सकती है।स्कूली बच्चों ने बड़े ही उत्साह से इस जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कई कठिन प्रश्न पूछकर उपस्थित पदाधिकारी और स्टेट समन्वयक को भी स्तब्ध कर दिया। बीते कल इंटर हाई स्कूल और आशालता मध्य विद्यालय में भी इस विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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