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सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया व ग्रामीण क्षेत्रों मे दिवाली की तैयारी जोरों पर, दीपावली से संबंधित वस्तुओं से पट गया बाजार।

विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।

दीपों का त्यौहार दीपावली कल 12 नवंबर रविवार को है और यह जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है, लोग इसकी तैयारी में व्यस्त होते जा रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया एवं ठाकुरगंज बाजार हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी जगह दीपावली की तैयारी लोग अपने परंपरा के अनुरूप करने में जुटे हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई, रंग-रोगन कर सजाने संवारने में लगे हैं।

वहीं पास के भद्रपुर नेपाल में भी दीपावली को लेकर चारों तरफ उत्साह है। तैयारियों को करीब-करीब अंतिम रूप दिया जा रहा है। बाजार भी दीपावली से संबंधित वस्तुओं से पट गया है। जिधर, देखिए उधर ऐसी वस्तुएं नजर आ रही है जिनका संबंध दिवाली से है। जरूरी सामानों की खरीददारी भी की जा रही है। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार में खासकर नेपाली लोगों की चहल-पहल बढ़ गई है। रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बिक्री दिख रही है। मिट्टी के दीपक भी बाजार में नजर आने लगे हैं। श्रीगणेश एवं मां लक्ष्मी की छोटी मूर्तियां भी बाजार में दिख रहीं हैं। कुल मिलाकर बाजार में भी उत्सव-सा माहौल है। कपड़ों की दुकान से लेकर अन्य सामग्रियों की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ने लगी है। वहीं गलगलिया घोषपाड़ा के नेताजी स्पोर्टिंग क्लब एवं क्षेत्र के विभिन्न मंदिर कमिटी द्वारा मां काली के पूजन को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं।

मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भरपूर प्रयास:

दीपावली पर्व आते ही हम सभी की मनोकामनाएं होती है कि मां लक्ष्मी पूर्ण रूप से हमारे ऊपर मेहरबान हो जाए। मां लक्ष्मी की पूर्ण कृपा पाने के लिए लोग भरपूर प्रयास भी करते हैं। जैसे घर की साफ -सफाई, रंगाई-पुताई से लेकर साज-सजावट आदि पर खूब ध्यान देते हैं। रंगोली बनाना, दीपक जलाना, रंग-बिरंगी लडिय़ां लगाना, तोरन लगाना, शीशों और फूलों से सजाना, आदि कई तरीकों से लोग अपने घर सजाते हैं। परंतु सजावट वास्तु के नियमों के अनुसार किया जाए तो सोने पे सुहागा जैसी कहावत पूरी हो जाती है। मतलब सुंदरता के साथ -साथ घर में धन, सुख और समृद्धि भी आती है।

खतरनाक पटाखे का प्रयोग करने से करें परहेज:

दीपावली पर्व का ख्याल आते ही मन मस्तिष्क में खुशियों का संचार होने लगता है। दीपावली में नए-नए कपड़े पहन कर रंग-बिरंगे पटाखे छोड़ कर अपनी खुशियों का इजहार करते है, क्योंकि यह पर्व इंसान के जीवन में अनेक खुशियां लाती है। घर-आंगन सजाना, पटाखे जलाना और मिठाइयां बांटना दीपावली पर्व के मुख्य कार्य हैं। अपनी खुशी के लिए पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना भी इंसान की ही जिम्मेवारी है। लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि खतरनाक पटाखे और हानिकारक रोशनी वाली लाइट का प्रयोग करने से परहेज करें। पटाखे से निकलने वाले धुएं का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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