ठाकुरगंज नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को तुलसी विवाह का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर तुलसी माता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। नगर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर, श्रीहरगौरी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में तुलसी विवाह पर कार्यक्रम आयोजित हुए। श्रीहरगौरी मंदिर के पुरोहित पार्वती चरण गांगुली के निर्देशन में कई जगहों पर पूजा-अर्चना हुई। तुलसी के पौधे को विशेष रूप से सजाते हुए उसे श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई गई। महिला श्रद्धालुओं की ओर से माता रानी का गुणगान किया। खासकर महिलाओं में इस पूजन को लेकर भारी उत्साह देखा गया।
व्रती सुनीता सिंह, सविता सिंह, निभा सिंह आदि महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि तुलसी विवाह का त्योहार सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करते हैं।वहीं पुरोहित पार्वती चरण गांगुली ने बताया कि हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि दिन को तुलसी विवाह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं। तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। इसलिए तुलसी विवाह को भगवान विष्णु के विवाह के रूप में भी देखा जाता है।उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों में तुलसी और शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं। इस दिन तुलसी के पौधे को विशेष रूप से सजाया जाता है और उसे श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद योग निद्रा से जगते हैं। उस दिन शाम में तुलसी के संग भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का विवाह करवाया जाता है। तुलसी विवाह कराने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होने के साथ जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को तुलसी विवाह का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर तुलसी माता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। नगर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर, श्रीहरगौरी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में तुलसी विवाह पर कार्यक्रम आयोजित हुए। श्रीहरगौरी मंदिर के पुरोहित पार्वती चरण गांगुली के निर्देशन में कई जगहों पर पूजा-अर्चना हुई। तुलसी के पौधे को विशेष रूप से सजाते हुए उसे श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई गई। महिला श्रद्धालुओं की ओर से माता रानी का गुणगान किया। खासकर महिलाओं में इस पूजन को लेकर भारी उत्साह देखा गया।
व्रती सुनीता सिंह, सविता सिंह, निभा सिंह आदि महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि तुलसी विवाह का त्योहार सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करते हैं।वहीं पुरोहित पार्वती चरण गांगुली ने बताया कि हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि दिन को तुलसी विवाह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं। तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। इसलिए तुलसी विवाह को भगवान विष्णु के विवाह के रूप में भी देखा जाता है।उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों में तुलसी और शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं। इस दिन तुलसी के पौधे को विशेष रूप से सजाया जाता है और उसे श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद योग निद्रा से जगते हैं। उस दिन शाम में तुलसी के संग भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का विवाह करवाया जाता है। तुलसी विवाह कराने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होने के साथ जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है।
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