विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
मैं नारी हूँ
नारी हूँ मैं, नारी हूँ
जब अपनी जिद पे आती हूँ,
पर जाती सबपे भारी हूँ
मैं नारी हूँ।
मैं दुर्गा हूँ, मैं काली हूँ
मैं चंडी की अवतारी हूँ,
जन मानस की रक्षा हेतु
करती सिंह सवारी हूँ
मैं नारी हूँ।
झांसी की मर्दानी मै ही
कुंभा सी बलिदानी हूँ,
पी टी उषा उड़नपरी मै
मीरा सी प्रेम दीवानी हूँ,
मैं नारी हूँ।
मैं सीता हूँ, मैं राधा हूँ
मै नर का हिस्सा आधा हूँ,
मैं दान दया की वस्तु नही
मैं पूर्ण प्रेम अधिकारी हूँ
मैं नारी हूं।
बिंदु अग्रवाल
गलगलिया, किशनगंज
बिहार