जीविका के जिला और प्रखंड स्तर के कर्मियों का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण तथा सामाजिक सामुदायिक निधियों का कुशल प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को आयोजित किया गया। किशनगंज के एक निजी होटल में आयोजित इस कार्यशाला में जीविका कर्मियों के साथ सूक्ष्म वित्त एवं सामुदायिक वित्त से संबंधित जानकारियाँ, उसके लेखांकन, ससमय ऋण वापसी इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई। जीविका राज्य कार्यालय, पटना से आए परियोजना प्रबंधक ( बैंक लिंकेज ) उदय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में लेखांकन से संबंधित सावधानियों को सामुदायिक संगठनों में लागू करने, नियमित लेखांकन और लगातार उसके मूल्यांकन से संबंधित बातों के महत्वों पर जानकारी दी गई। जीविका परियोजना कर्मी के फीडबैक (प्रतिपुष्टि) के आधार पर आगे की कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई। जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि किशनगंज जिला में जीविका के माध्यम से 18 हजार स्वयं सहायता समूह से 1 लाख 23 हजार से अधिक परिवार जुड़े हैं। जिसमें 14 सौ से अधिक ग्राम संगठन और 32 संकुल स्तरीय संघ कार्य कर रहे हैं। ऐसे में जीविका सामुदायिक संगठन में सामुदायिक निधियों के कुशल प्रबंधन से ही जीविका दीदियों की सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा सकता है। इसलिए यह कार्यशाला आयोजित किया गया है।
इस उन्मुखीकरण कार्यशाला में परियोजना से जुड़े कैडर के प्रशिक्षण एवं उनके माध्यम से परियोजना कार्य को अधिक से अधिक नियमानुसार सामुदायिक संगठन स्तर पर क्रियान्वयन से जुड़ी सूक्ष्म बातों पर प्रकाश डाला गया। इन सभी महत्वपूर्ण बातों को व्यवहार में शामिल कर सामुदायिक संगठन और उससे जुड़ी जीविका दीदियों का अधिक से अधिक सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो सके इस पर विस्तार से महत्व पर प्रकाश डाला गया। सामुदायिक निधियों का कुशल प्रबंधन को लेकर उन्हें प्रेरित किया गया। सामुदायिक संगठनों के वित्तीय कुशल प्रबंधन एवं क्रियान्वयन, विशेष महत्व पर प्रकाश डाला गया। सामुदायिक निधियों का जीविका दीदियों के हित में बेहतर तरीके से इस्तेमाल तथा इससे संबंधित परियोजना नियमानुसार बेहतर योजनाएं बनाई जा सके, इस पर बात की गई। उसे कैसे लागू की जा सकती है इस पर विस्तार से चर्चा की गई। कैडर के माध्यम से बुक्स ऑफ रिकॉर्ड को मेंटेन करने, उनका प्रशिक्षण, कैडर पेमेंट एवं उनका नियमित समीक्षा , सामुदायिक संगठन तथा उनके वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूह में पंचसूत्रा के पालन को लेकर विशेष चर्चा की गई। जिसमें साप्ताहिक बैठक, बचत, नियमित लेनदेन, लेखांकन को अनुशासन के साथ लागू करने पर कार्यशाला में विस्तार से बातचीत हुई। समूह में पंचसूत्रा के पालन से जीविका दीदियों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलती है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जीविका के जिला और प्रखंड स्तर के कर्मियों का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण तथा सामाजिक सामुदायिक निधियों का कुशल प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को आयोजित किया गया। किशनगंज के एक निजी होटल में आयोजित इस कार्यशाला में जीविका कर्मियों के साथ सूक्ष्म वित्त एवं सामुदायिक वित्त से संबंधित जानकारियाँ, उसके लेखांकन, ससमय ऋण वापसी इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई। जीविका राज्य कार्यालय, पटना से आए परियोजना प्रबंधक ( बैंक लिंकेज ) उदय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में लेखांकन से संबंधित सावधानियों को सामुदायिक संगठनों में लागू करने, नियमित लेखांकन और लगातार उसके मूल्यांकन से संबंधित बातों के महत्वों पर जानकारी दी गई। जीविका परियोजना कर्मी के फीडबैक (प्रतिपुष्टि) के आधार पर आगे की कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई। जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि किशनगंज जिला में जीविका के माध्यम से 18 हजार स्वयं सहायता समूह से 1 लाख 23 हजार से अधिक परिवार जुड़े हैं। जिसमें 14 सौ से अधिक ग्राम संगठन और 32 संकुल स्तरीय संघ कार्य कर रहे हैं। ऐसे में जीविका सामुदायिक संगठन में सामुदायिक निधियों के कुशल प्रबंधन से ही जीविका दीदियों की सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा सकता है। इसलिए यह कार्यशाला आयोजित किया गया है।
इस उन्मुखीकरण कार्यशाला में परियोजना से जुड़े कैडर के प्रशिक्षण एवं उनके माध्यम से परियोजना कार्य को अधिक से अधिक नियमानुसार सामुदायिक संगठन स्तर पर क्रियान्वयन से जुड़ी सूक्ष्म बातों पर प्रकाश डाला गया। इन सभी महत्वपूर्ण बातों को व्यवहार में शामिल कर सामुदायिक संगठन और उससे जुड़ी जीविका दीदियों का अधिक से अधिक सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो सके इस पर विस्तार से महत्व पर प्रकाश डाला गया। सामुदायिक निधियों का कुशल प्रबंधन को लेकर उन्हें प्रेरित किया गया। सामुदायिक संगठनों के वित्तीय कुशल प्रबंधन एवं क्रियान्वयन, विशेष महत्व पर प्रकाश डाला गया। सामुदायिक निधियों का जीविका दीदियों के हित में बेहतर तरीके से इस्तेमाल तथा इससे संबंधित परियोजना नियमानुसार बेहतर योजनाएं बनाई जा सके, इस पर बात की गई। उसे कैसे लागू की जा सकती है इस पर विस्तार से चर्चा की गई। कैडर के माध्यम से बुक्स ऑफ रिकॉर्ड को मेंटेन करने, उनका प्रशिक्षण, कैडर पेमेंट एवं उनका नियमित समीक्षा , सामुदायिक संगठन तथा उनके वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूह में पंचसूत्रा के पालन को लेकर विशेष चर्चा की गई। जिसमें साप्ताहिक बैठक, बचत, नियमित लेनदेन, लेखांकन को अनुशासन के साथ लागू करने पर कार्यशाला में विस्तार से बातचीत हुई। समूह में पंचसूत्रा के पालन से जीविका दीदियों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलती है।
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