सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस कार्य्रक्रम बुधवार को 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय ठाकुरगंज के द्वारा सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस पुरे धूम धाम से मनाया गया। सर्वप्रथम स्वर्णजीत शर्मा, कमान्डेंट, ने सभी बल कार्मिकों को और उनके परिवारजनों को शुभकामनायें दिया तथा अपने संबोधन में कहा की आज दिनांक 20 दिसम्बर, 2023 को हम सभी लोग सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे है। भारत सरकार द्वारा सन् 1962 में चीनी संघर्ष के दौरान यह महससू किया गया कि केवल राइफल के बल पर देश की सीमाओं की रक्षा नहीं की जा सकती। इस प्रकार विशेष सेवा ब्यूरो (अब सशस्त्र सीमा बल) की कल्पना नवंबर1962 में की गई थी तथा बाद में एसएसबी का अधिकार क्षेत्र मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू (1965), मेघालय (1975), सिक्किम (1976), राजस्थान (1985), नागालैंड और मिजोरम (1989) तक बढ़ा दिया गया था। सन् 1963 से एस.एस.बी का मुख्य जोर राष्ट्रीय जुड़ाव, सुरक्षा और सतर्कता का भावना पैदा करने पर था। सन् 2001 से भारत-नेपाल एवं सन् 2004 से भारत-भटूान सीमा पर तैनाती के बाद एस.एस.बी. ने कम समय में ही नेपाल और भूटान के साथ निर्धारित सीमाओं पर प्रभावी ढंग से अपनी जड़ जमा ली है।
भारत-नेपाल एवं भारत-भटूान सीमाओं पर एस.एस.बी. सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ-साथ घसुपैठ, तस्करी और राष्ट्रीय विरोधी गतिविदियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करते हुए सीमाओं पर भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता सुनिचित करने के दायित्वों को बखूबी निभा रहा है।
अंत में एक बार फिर महोदय ने सभी को ढेर सारी शुभकामनायें दीं और सभी बल कार्मिकों के बीच मिठाईयों का बितरण किया।
इस कार्यक्रम में उप कमांडेंट एम ब्रोजेन सिंह, रविकांत द्विवेदी, जगजीत बहादुर जेगवार,सहायक कमान्डेंट (मेडिकल) डॉ सुमित कुमार चौरसिया, सहायक कमांडेंट श्री सुनील कुमार एवं सभी बल कार्मिक मौजूद रहे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस कार्य्रक्रम बुधवार को 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय ठाकुरगंज के द्वारा सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस पुरे धूम धाम से मनाया गया। सर्वप्रथम स्वर्णजीत शर्मा, कमान्डेंट, ने सभी बल कार्मिकों को और उनके परिवारजनों को शुभकामनायें दिया तथा अपने संबोधन में कहा की आज दिनांक 20 दिसम्बर, 2023 को हम सभी लोग सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे है। भारत सरकार द्वारा सन् 1962 में चीनी संघर्ष के दौरान यह महससू किया गया कि केवल राइफल के बल पर देश की सीमाओं की रक्षा नहीं की जा सकती। इस प्रकार विशेष सेवा ब्यूरो (अब सशस्त्र सीमा बल) की कल्पना नवंबर1962 में की गई थी तथा बाद में एसएसबी का अधिकार क्षेत्र मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू (1965), मेघालय (1975), सिक्किम (1976), राजस्थान (1985), नागालैंड और मिजोरम (1989) तक बढ़ा दिया गया था। सन् 1963 से एस.एस.बी का मुख्य जोर राष्ट्रीय जुड़ाव, सुरक्षा और सतर्कता का भावना पैदा करने पर था। सन् 2001 से भारत-नेपाल एवं सन् 2004 से भारत-भटूान सीमा पर तैनाती के बाद एस.एस.बी. ने कम समय में ही नेपाल और भूटान के साथ निर्धारित सीमाओं पर प्रभावी ढंग से अपनी जड़ जमा ली है।
भारत-नेपाल एवं भारत-भटूान सीमाओं पर एस.एस.बी. सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ-साथ घसुपैठ, तस्करी और राष्ट्रीय विरोधी गतिविदियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करते हुए सीमाओं पर भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता सुनिचित करने के दायित्वों को बखूबी निभा रहा है।
अंत में एक बार फिर महोदय ने सभी को ढेर सारी शुभकामनायें दीं और सभी बल कार्मिकों के बीच मिठाईयों का बितरण किया।
इस कार्यक्रम में उप कमांडेंट एम ब्रोजेन सिंह, रविकांत द्विवेदी, जगजीत बहादुर जेगवार,सहायक कमान्डेंट (मेडिकल) डॉ सुमित कुमार चौरसिया, सहायक कमांडेंट श्री सुनील कुमार एवं सभी बल कार्मिक मौजूद रहे।
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