सारस न्यूज, अररिया।
अररिया जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कार्यक्रम के बीच अनकंट्रोल भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया व हंगामा किया। मिली खबर के मुताबिक भीड़ ने कार्यक्रम स्थल पर कुर्सियां भी तोड़ी है जो तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है। तस्वीर में साफ तौर से देखा जा सकता है कि उत्पाती भीड़ से महिला और अन्य लोग खुद को कैसे बचाते हुए एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए हॉल से बाहर निकलने की कोशिश करते नजर आ रहे है। वहीं टूटी हुई कुर्सीयों का अंबार भी नजर आ रहा है। दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर शहर के टाउन हॉल में जिला प्रशासन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां जगह नहीं मिलने के बावजूद भी भीड़ कंट्रोल से बाहर हो गई और हंगामा मच गया। जिसकी वजह से कार्यक्रम को बीच में हीं रोकना पड़ गया। गौरतलब है कि जब जिला प्रशासन के द्वारा कार्यक्रम आयोजित था तो फिर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद क्यों नहीं थी। जबकि कार्यक्रम में भारी संख्या में कार्यक्रम में भाग लिए बच्चे के परिजन, महिलाएं सहित सदर एसडीओ व जिलास्तर के कई वरीय पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान टाउन हॉल परिसर में कुछ दिनों से आयोजित डिजनीलैंड मेले में आए युवक मेले को छोड़कर टाउन हॉल में गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए आए। उस भीड़ में दर्जनों की संख्या में असमाजिक तत्वों ने उत्पाद मचाना शुरू किया जबतक जिला प्रशासन के अधिकारी समझ पाते तबतक असमाजिक तत्व ने कुर्सी को तोड़ना शुरू कर दिया। जिसमें पर्याप्त मात्रा में पुलिस सदल-बल नहीं होने के कारण भीड़ कंट्रोल के बाहर दिखी। कार्यक्रम में मौजूद एसडीओ नवनील कुमार स्वयं अपने सुरक्षाकर्मी और चालक के साथ उत्पात मचाते और हंगामा करते असमाजिक तत्व युवकों को भीड़ को हटाते दिखे। मौजूद टेंट हाउस के स्टाफ ने 50 से 60 कुर्सी टूटने की बात कही है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सोनी कुमारी ने बताया कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद थोड़ा-बहुत शोर हुआ था। उन्होंने कहा की मेले में आए कुछ लोगों के द्वारा इस तरह की हरकत की गई है। बताया जा रहा है सूचना मिलने के बाद भी पुलिस आधे घंटे तक मौके पर नहीं पहुंच पाई थी। किसी तरह जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी ने मौजूद महिलाओं को भीड़ से बचाते हुए असमाजिक तत्वों में शामिल युवाओं को भगाया और भीड़ को शांत किया। साथ ही आनन-फानन में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को एकाएक बंद कराया गया।